परैया: करोड़ों की राशि खर्च के बावजूद नतीजा सिफर. यह हाल है परैया प्रखंड अंतर्गत चल रहे पौधारोपण कार्यक्रम का. इस मामले में कई बार जांच की गयी, परंतु कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं. नतीजतन, रोजगार सेवकों की मनमानी प्रखंड के सभी पंचायतों में पूरी तरह हावी है.
तीन माह से पेमेंट नहीं
मामले का पता तब चला, जब नीमचक बथानी अनुमंडल के भूमि उपसमाहर्ता ओम प्रकाश महतो द्वारा परैया प्रखंड के अजमतगंज पंचायत अंतर्गत बेला आहर व उपरी आहर पर लगे पौधों का निरीक्षण किया. इन स्थलों पर कार्य कर रहे मजदूरों से पेमेंट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें तीन माह से पेमेंट नहीं किया गया है और कुछ मजदूर ऐसे हैं, जिनके पास जॉब कार्ड ही मौजूद नहीं है, परंतु सरकारी आंकड़ों में मजदूरों के खातों से पैसे की निकासी कर ली गयी है. यहां काम करनेवालों में ज्यादातर ऐसे मजदूर हैं, जो केवल आंकड़ों में काम कर रहे हैं.
जमीनी हकीकत कुछ अलग बयां कर रही है. फर्जी मजदूरों की निकासी के बारे में जब रोजगार सेवक पप्पू कुमार से सवाल जवाब किया गया, तो उन्होंने बताया कि सरकार से राशि प्राप्त करने हेतु कंप्यूटर में मजदूरों के खाते में राशि डाल कर निकासी अंकित कर दी गयी है, परंतु किसी मजदूर का पेमेंट नहीं किया गया है. वहीं बेला आहर पर कार्य कर रही मजदूर राजेश्वरी देवी, ननकी देवी के खाते से सबसे ज्यादा बारह हजार आठ सौ रुपये की निकासी दर्ज है, बाकी मजदूरों के खाते से सतरह सौ अठाइस रुपये की निकासी दर्ज है, परंतु मजदूरों को एक रुपया भी प्राप्त नहीं हुआ है.
कुल मिला कर पंचायत अंतर्गत कई कार्य स्थलों का दौरा किया गया, परंतु सभी योजनाओं पर भारी मात्र में गड़बड़ियां पायी. भूमि उपसमाहर्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपा जायेगा. जिस पर क्या कार्रवाई होगी, उन्हें पता नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि हर जांच कि तरह यह जांच भी कागजी आंकड़ों में ही सिमट कर रह जायेगा, या फिर हकीकत में कोई कार्रवाई होगी. इससे आम जनों को लाभ मिलेगा.