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मुस्तफाबाद छह माह से प्यासा

शहर के प्रमुख ड्राइ जोन में मुस्तफाबाद मुहल्ला गया : किर्लोस्कर प्रोजेक्ट में खराबी आने से इधर कुछ दिनों से शहर का एक बड़ा हिस्सा पानी के लिए तरस रहा है. इन सब में एक मुहल्ला ऐसा भी है, जहां छह महीने से पानी की सप्लाइ नहीं हो रही है. एपी कॉलोनी के पीछे बसे […]

शहर के प्रमुख ड्राइ जोन में मुस्तफाबाद मुहल्ला
गया : किर्लोस्कर प्रोजेक्ट में खराबी आने से इधर कुछ दिनों से शहर का एक बड़ा हिस्सा पानी के लिए तरस रहा है. इन सब में एक मुहल्ला ऐसा भी है, जहां छह महीने से पानी की सप्लाइ नहीं हो रही है. एपी कॉलोनी के पीछे बसे मुस्तफाबाद में छह महीने से किर्लोस्कर प्रोजेक्ट से पानी नहीं मिल रहा है.
मुस्तफाबाद के लोगों का कहना है कि चिरैयाटांड़ के पास किर्लोस्कर वाटर सप्लाइ पाइपलाइन जाम है.इस कारण ही उनके मुहल्ले में पानी नहीं आ पा रहा है. एपी कॉलोनी के पीछे बसा यह मुहल्ला दो चापाकलों के भरोसे चल रहा है. किर्लोस्कर प्रोजेक्ट के तहत इस इलाके में भी पाइपलाइन बिछायी गयी, पर महज दो महीने ही लोगों को पानी मिला. उसके बाद से मुहल्ले में वाटर सप्लाइ बंद है. गौरतलब है कि यह इलाका शहर के प्रमुख ड्राइ जोन में आता है.
400 की आबादी पर मात्र दो चापाकल:मुस्तफाबाद में लगभग 400 घर हैं. एक परिवार में चार सदस्यों का औसत मान कर चलें, तो मुहल्ले की कुल आबादी 1600 होगी. यह आबादी मात्र दो सरकारी चापाकलों के भरोसे है. वाटर सप्लाइ पहले से ही बंद, चापाकल भी कभी भी बंद हो सकता है. इसके बाद क्या होगा? यही सवाल लोगों के मन लगातार उठ रहा है.
हम तो सिर्फ वोट बैंक : गरीब तबके के लोगों की बस्ती मुस्तफाबाद में मंगलवार को कुछ महिलाएं दोपहर को धूप सेंक रही थीं. जब पानी की समस्या पर बात की गयी, तो उनका दर्द सामने आ गया.
महिलाओं ने बताया कि वे लोग तो सिर्फ वोटर हैं. उन्हें हर कोई वोट बैंक और अपनी राजनीति स्वार्थ के लिए ही इस्तेमाल करना चाहता है. शायद ही किसी को इस बात की फिक्र है कि इस इलाके में छह महीने से पानी नहीं है. कोई भी नेता आैर बाबू (अधिकारी) को इलाके की समस्याएं खत्म करने में रुचि नहीं दिख रही है.

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