21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गृहस्थ जीवन सबसे अच्छा, अतिथियों का करें सम्मान : स्वामीजी

गृहस्थ जीवन सबसे अच्छा, अतिथियों का करें सम्मान : स्वामीजीफोटो-श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन निकली झांकी.प्रतिनिधि,इमामगंजगृहस्थ आश्रम सबसे अच्छा है. इसमें रहनेवाले मनुष्यों को अतिथियों, ब्राह्मणों, गौ माता, गुरुजन, गरीब, लाचार, माता-पिता को मान-सम्मान देते हुए उनका स्वागत करना चाहिए. गृहस्थ आश्रम मे रहनेवाले सभी सदस्यों को मृदुभाषी होना चाहिए. मनुष्य को पूजा–अर्चना के बाद […]

गृहस्थ जीवन सबसे अच्छा, अतिथियों का करें सम्मान : स्वामीजीफोटो-श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन निकली झांकी.प्रतिनिधि,इमामगंजगृहस्थ आश्रम सबसे अच्छा है. इसमें रहनेवाले मनुष्यों को अतिथियों, ब्राह्मणों, गौ माता, गुरुजन, गरीब, लाचार, माता-पिता को मान-सम्मान देते हुए उनका स्वागत करना चाहिए. गृहस्थ आश्रम मे रहनेवाले सभी सदस्यों को मृदुभाषी होना चाहिए. मनुष्य को पूजा–अर्चना के बाद ही दिनचर्या प्रारंभ करना चाहिए. आश्रम में यह देखना आवश्यक है कि घर में जो खाना बन रहा है, उसमें लगनेवाली सामग्री किसी को कष्ट पहुंचाकर तो नहीं ली गयी है. उक्त बातें इमामगंज के रानीगंज बाजार में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण महाज्ञान के पांचवें दिन स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज ने कहीं. स्वामी ने कहा कि गृहस्थ जीवन में जीनेवाले पति-पत्नी को एक-दूसरे में आस्था होनी चाहिए.ऐसा होने पर भगवान भी उस परिवार में जन्म लेने को आतुर रहते हैं.स्वामी ने कहा कि कन्या रूपी भ्रूण की हत्या नहीं करनी चाहिए. आज बेटे-बेटी में अंतर नहीं रह गया है. कथा के दौरान शिवकैलाश डालमिया, विनोद जसपुरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल स्वामी व अन्य लोग मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें