श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन इमामगंज/बांकेबाजार. प्रखंड के ब्राह्मणबिगहा गांव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन बुधवार को भंडारे के साथ हुआ. आयोजक सुरेंद्र पाठक ने बताया कि भंडारे में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. इससे पहले कथावाचक आचार्य पंडित लालभूषण मिश्र ‘याज्ञिक’ ने श्रद्धालुओं को बताया कि पूर्व जन्म मेें हिरण्यकश्यप व हिरणाक्ष दो भाई बैकुंठधाम में भगवान विष्णु के द्वारपाल थे, जिनका नाम जय व विजय था. उससे पूर्व जन्म में दोनों भाई रावण व कुंभकर्ण हुए. त्रेता युग में उन्होंने उक्त स्वरूप को त्याग कर द्वापर युग में शिशुपाल का शरीर प्राप्त किया. उक्त स्वरूप में श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से उनका वध किया, तब जाकर दोनों दूरभव जन्म से मुक्त हुए. तीन जनमों तक दोनों संसार में जीवन-मरण का चक्कर लगाते रहे. इसका कारण कनक आदि ऋषियों का शाप था. क्योंकि, बैकुंठ द्वार पर जय व विजय ने ऋषियों का भगवान विष्णु के पास जाने से रोक दिया था. बांकेधाम मंदिर में फहरा भगवा ध्वजबांकेबाजार. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने नदियों, सरोवरों व कुआें में स्नान कर पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर मंदिरों में भक्तों का भीड़ लगी रही. बांकेधाम मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति इस बार भी भगवा ध्वज फहराया गया. मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था. इस मौके पर मंदिर समिति के महामंत्री रामदेनी प्रसाद मेनन व उपाध्यक्ष कौलेश्वर प्रसाद यादव सहित कई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे.
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन इमामगंज/बांकेबाजार. प्रखंड के ब्राह्मणबिगहा गांव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन बुधवार को भंडारे के साथ हुआ. आयोजक सुरेंद्र पाठक ने बताया कि भंडारे में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. इससे पहले कथावाचक आचार्य पंडित लालभूषण मिश्र ‘याज्ञिक’ ने श्रद्धालुओं को बताया कि पूर्व […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement