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महिला डॉक्टर को उठा लेने की धमकी

महिला डॉक्टर को उठा लेने की धमकीफोटो-विवाद. मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बाइक सवारों का उपद्रवमहिला मरीज को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को लेकर बिगड़ी बातडॉक्टरों ने अस्पताल में पुलिस पिकेट स्थापित कराने का लिया निर्णय वरीय संवाददाता, गयामगध मेडिकल थाने की पुलिस की शिथिलता से मगध मेडिकल कॉलेज व […]

महिला डॉक्टर को उठा लेने की धमकीफोटो-विवाद. मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बाइक सवारों का उपद्रवमहिला मरीज को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को लेकर बिगड़ी बातडॉक्टरों ने अस्पताल में पुलिस पिकेट स्थापित कराने का लिया निर्णय वरीय संवाददाता, गयामगध मेडिकल थाने की पुलिस की शिथिलता से मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बुधवार की रात करीब नौ बजे जमकर हंगामा हुआ. महिला डॉक्टर व एक प्रसूता के परिजनों के बीच हुए विवाद में दो-तीन मोटरसाइकिलों से आये पांच-छह युवकों ने अस्पताल के अंदर वार्डों की गलियों में जम कर आतंक मचाया. करीब दो घंटों तक मोटरसाइकिल सवार युवकों ने अस्पताल में घूम-घूम कर डॉक्टरों व कर्मचारियों को धमकी भी दी. युवकों ने एक महिला डॉक्टर को स्कूटी के साथ उठा लेने व सरेआम बेइज्जत करने की भी धमकी दी. युवकों के आतंक से भयभीत महिला डॉक्टर व अन्य महिला स्वास्थ्यकर्मी एक कमरे में दुबके रहे. युवकों के आतंक से अस्पताल के सुरक्षाकर्मी अपनी जान बचा कर भाग निकले. इस दौरान मगध मेडिकल थाने की पुलिस थाने में ही दुबकी रही. महिला डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों ने अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा से अपनी जान की गुहार लगायी. देर रात करीब 12 बजे अधीक्षक अस्पताल पहुंचे और मामले को शांत कराया. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, नगर प्रखंड के चपरदह गांव के रहनेवाले रामानुज सिंह के बेटे चंदन सिंह की गर्भवती पत्नी चंचला देवी 16 नवंबर की सुबह अस्पताल में भरती हुई. गुरुवार को करीब ढाई बजे चंचला देवी का ऑपरेशन हुआ. महिला ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. ऑपरेशन के 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद 18 नवंबर की रात करीब नौ बजे स्त्री रोग विभाग में ड्यूटी में तैनात महिला डॉक्टर ने महिला मरीज के परिजनों को उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट करने की सलाह दी. इसी बात पर परिजन बिदक गये और प्रसूता को उसी वार्ड में रखने का धौंस महिला डॉक्टर को दिखाया. इसी बात का लेकर महिला डॉक्टर व प्रसूता के परिजनों के बीच बकझक होने लगी. इसकी जानकारी कॉलेज के छात्रावास में रहनेवाले छात्रों को लगी, तो वे भी वहां पहुंचे गये. इस पर प्रसूता के परिजन भी शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने रिश्तेदारों के साथ मोटरसाइकिलों पर सवार होकर अस्पताल के वार्डों में घुस गये और जम कर उत्पात मचाया. इसी दौरान युवकों ने उक्त महिला डॉक्टर को स्कूटी समेत उठा लेने व बेइज्जत करने की धमकी दी. प्रसूता के पति व ससुर पर जानलेवा हमलाइधर, प्रसूता चंचला देवी की सास संजू देवी ने बताया कि प्रसव होने के 24 घंटे के बाद प्रसूता को एक इंजेक्शन पड़ता है, लेकिन, उनकी बहू को उक्त इंजेक्शन नहीं दिया गया. 18 नवंबर की रात करीब आठ बजे उनके पति रामानुज सिंह व बेटा खाना लेकर अस्पताल आये. उन्हें बहू को इंजेक्शन नहीं दिये जाने के बारे में जानकारी दी. उनके पति इंजेक्शन के बारे में पूछताछ करने के लिए उक्त महिला डॉक्टर के पास गये, तो वह बड़ी बदतमीजी से पेश आयी और इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया. जब उनके पति ने महिला डॉक्टर से बहू को दोबारा इंजेक्शन देने की अपील की, तो महिला डॉक्टर ने अपने साथियों को बुलाया और भद्दी-भद्दी गालियां देकर उनके पति की पिटाई करा दी. इस हमले से उनके पति का सिर फट गया है. साथ ही, उनके बेटे को भी चोट आयी है. मगध मेडिकल थाने के औचित्य पर उठाया सवालअस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने मगध मेडिकल थाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी अस्पताल में विवाद होता है, तो थाने से कोई कार्रवाई नहीं होती है. इन्हीं कारणों को लेकर मगध मेडिकल अस्पताल परिसर में एक पुलिस पिकेट की स्थापना करने के लिए वह अपने वरीय अधिकारियों को पत्र भेज चुके हैं. अधीक्षक ने बताया कि बुधवार की रात एक प्रसूता को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने की बात पर महिला डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच विवाद हुआ. महिला डॉक्टर को उठा लेने तक की धमकी दी गयी. वह खुद रात में आये और स्थिति को नियंत्रित किया. विवाद के वक्त अस्पताल की सुरक्षा में लगे निजी सुरक्षाकर्मी भी भाग खड़े हुए. इस मामले को भी गंभीरता से लिया गया है. सुरक्षाकर्मी के इंचार्ज अनिल प्रसाद को पटना से बुलाया गया और सुरक्षाकर्मियों की हरकतों से अवगत कराया गया है. साथ ही, भविष्य में सुरक्षागार्डों को ऐसा दोबारा नहीं करने की चेतावनी भी दी गयी. इधर, अस्पताल अधीक्षक की शिकायत के बाद सिक्यूरिटी इंचार्ज ने सभी सुरक्षाकर्मियों की जमकर क्लास लिया. विभागाध्यक्षों व अधीक्षक ने बनायी रणनीति घटना के बाद अस्पताल अधीक्षक ने अपने कार्यालय में सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. इसमें मगध मेडिकल थाने की पुलिस की शिथिलता को देखते हुए सभी विभागाध्यक्षों ने डीएम संजय कुमार अग्रवाल व एसएसपी मनु महाराज से अस्पताल परिसर में ही एक पुलिस पिकेट स्थापित करने की मांग करने का निर्णय लिया. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई एफआइआर नहीं की गयी है.

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