भगवान भाष्कर की पूजा से पूरी होती हैं मुरादें फोटो मानपुर 04 : प्राचीन सूर्य मंदिर व तालाब.मानपुर. गया शहर में फल्गु नदी के पूर्वी तट पर 400 सौ साल पूर्व मुगल शासक अकबर के सेना प्रमुख राजा मान सिंह प्रवास के दौरान यहां कुछ दिन ठहरे थे. रोहतास में उनका मुख्यालय था. क्षेत्र भ्रमण के दौरान गया शहर के पेहानी तहशील में उन्होंने सैकड़ों सैनिकों के साथ उन्होंने डेरा डाला. इसी के बाद शहर का नाम मानपुर रखा गया. राजा मान सिंह ने ही मानपुर में सूर्य मंदिर का निर्माण कराया. उन्होंने मानपुर शहर के अंदर दर्जनों कुएं, तालाब, पोखर व मठ-मंदिर बनावाये. छठ पूजा में इन्हीं कुएं, तालाब, पोखर व मठ-मंदिरों में बने घाटों पर लोग अर्घ देते हैं. इसके लिए प्रशासन व समाजसेवी आगे बढ़ कर साफ-सफाई की जिम्मेवारी लेते हैं. यहां के मंदिर काफी आर्कषक हैं. मंदिर के गुंबज में पक्षियों के रहने के लिए जगह बनाये गये हैं. हालांकि, अब परिस्थितियां बदली हैं. तालाब की देखरेख के कमी के कारण आसपास के लोगों ने सरकारी जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया है. वैसे मंदिरों को लेकर लोगों का मानना है कि जो लोग भगवान भाष्कर की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, उनकी मुरादें जरूर पूरी होती हैं. यहां मानपुर शहर, खांजहांपुर, कुकरा, पेहानी, बारा, बरेव, गेरे, रसुना, लोदीपुर के अलावा अन्य जगहों के लोग पूजा के लिए आते हैं.
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भगवान भाष्कर की पूजा से पूरी होती हैं मुरादें
भगवान भाष्कर की पूजा से पूरी होती हैं मुरादें फोटो मानपुर 04 : प्राचीन सूर्य मंदिर व तालाब.मानपुर. गया शहर में फल्गु नदी के पूर्वी तट पर 400 सौ साल पूर्व मुगल शासक अकबर के सेना प्रमुख राजा मान सिंह प्रवास के दौरान यहां कुछ दिन ठहरे थे. रोहतास में उनका मुख्यालय था. क्षेत्र भ्रमण […]
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