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अंधेरे में भगवान बुद्ध!

अंधेरे में भगवान बुद्ध!पैसे के अभाव में काट दी गयी नेपाली मठ की बिजलीमोनास्टरी के रख-रखाव पर भी नहीं दिया जा रहा ध्यानआर्थिक संकट से जूझ रहा नेपाली मोनास्टरी फोटो- बोधगया 01- नेपाल मोनास्टरी परिसर में स्थित मंदिर, 02- बौद्ध मठ का केयरटेकर कुशांग लामासंवाददाता, बोधगयाबौद्ध मठों के शहर बोधगया में एक ओर जहां अधिकतर […]

अंधेरे में भगवान बुद्ध!पैसे के अभाव में काट दी गयी नेपाली मठ की बिजलीमोनास्टरी के रख-रखाव पर भी नहीं दिया जा रहा ध्यानआर्थिक संकट से जूझ रहा नेपाली मोनास्टरी फोटो- बोधगया 01- नेपाल मोनास्टरी परिसर में स्थित मंदिर, 02- बौद्ध मठ का केयरटेकर कुशांग लामासंवाददाता, बोधगयाबौद्ध मठों के शहर बोधगया में एक ओर जहां अधिकतर देशों के बौद्ध मठों में खुशहाली का आलम है, तो दूसरी ओर 1992 में स्थापित नेपाली बौद्ध मठ बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है. पैसे की कमी के कारण बौद्ध मठ की बिजली काट दी गयी है. कहा गया है कि बकाया बिजली बिल 34 हजार रुपये जमा करने के बाद ही मोनास्टरी में बिजली बहाल हो सकेगी. फिलहाल स्थिति ऐसी बनी हुई है कि बौद्ध मठ का केयर टेकर भी अब आर्थिक तंगी से ऊब चुका है और वह मोनास्टरी छोड़ने का मन बना चुका है. 49 कमरे, मंदिर व दीपघर से युक्त नेपाली बौद्ध मठ की रखवाली करने के लिए एकमात्र केयरटेकर लामा कुशांग ही यहां मौजूद हैं. पैसे की कमी के कारण बौद्ध मठ का रखरखाव भी ठीक से नहीं हो पा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर यहां कोई सुरक्षागार्ड भी तैनात नहीं किया गया है.पुरातत्व संग्रहालय व बांग्लादेश मोनास्टरी के समीप स्थित नेपाली बौद्ध मठ को संचालित करने के लिए 12 सदस्यीय कमेटी गठित है. इसका मुख्य कार्यालय दार्जिलिंग में है. इसके अध्यक्ष पासंग तामांग व सचिव पाल्देन लामा हैं. केयरटेकर लामा कुशांग ने बताया कि यहां नेपाली श्रद्धालुओं का आना-जाना काफी कम होता है. सिर्फ पर्यटन सीजन में ही थोड़े-बहुत श्रद्धालु आते हैं. कमेटी के सदस्यों का ध्यान मोनास्टरी पर नहीं है और यहां पैसे की कमी से कई समस्या खड़ी हो चुकी है. गौरतलब है कि बोधगया के विभिन्न बौद्ध मठों में चीवरदान व संघदान आदि समारोहों का आयोजन होता है, पर ड्यूडल ज्यांगचूब चोलिंग मोनास्टरी के नाम से बने नेपाली बौद्ध मठ में चीवरदान आदि का कार्यक्रम भी नहीं होता है. इसे श्रद्धालुओं की उदासीनता व तमांग बुद्धिष्ट एसोसिएशन के नाम से गठित कमेटी के सदस्यों की लापरवाही ही माना जा सकता है. बहरहाल, बौद्ध मठों में मौजूद चमक-दमक से दूर नेपाली बौद्ध मठ अपने हाल पर आंसू बहाने को विवश है. इस संबंध में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कौंसिल बोधगया के महासचिव किरण लामा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी.

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