गया: मनरेगा व इंदिरा आवास से संबंधित दर्ज मामलों के समय पर अनुसंधान के लिए शुक्रवार को प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन समाहरणालय के सभागार में किया गया. इसका उद्घाटन आयुक्त आरके खंडेलवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर उन्होंने कहा कि जांच करनेवाले पदाधिकारी के लिए गाइड लाइंस स्पष्ट होना चाहिए. उन्हें मालूम होना चाहिए कि किन-किन बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाती है.
इसी प्रकार पुलिस पदाधिकारी को भी सीआरपीसी व आइपीसी के तहत कार्रवाई करने के लिए आवश्यक बिंदुओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि चाजर्शीट फाइल करने दिक्कत नहीं हो.
इससे आइओ को मामले को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि जांच पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को आपसी समन्वय से जांच व प्राथमिकी का चेक स्लिप तैयार कर कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच प्रभावशाली होनी चाहिए व दोषियों को सजा मिलनी चाहिये, जिससे लोग गड़बड़ी करने से डरें.
उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों को उनके फीडबैक के आधार पर प्रशिक्षण दें. कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी बाला मुरूगन डी ने कहा कि मनरेगा व इंदिरा आवास की जांच के दौरान पायी जाने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का समाधान कार्यशाला के बाद निष्कर्षो व अनुशंसाओं का जांच के दौरान उपयोग करें. कार्यशाला में मनरेगा अधिनियम व अन्य बिंदुओं व जांच के दौरान के महत्वपूर्ण बिंदुओं के विषय में बताया गया व प्रशिक्षणार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये. कार्यशाला में मगध प्रमंडल के विभिन्न जिलों के उप विकास आयुक्त गिरिवर दयाल सिंह, प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी व ग्रामीण विकास विभाग, पटना के पदाधिकारी उपस्थित थे.