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एमआरटीवी, कारपेंटर व हॉस्पिटलिटी ट्रेड बंद

एमआरटीवी, कारपेंटर व हॉस्पिटलिटी ट्रेड बंद बदहाली. हाल गया आइटीआइ का, प्लेसमेंट की सुविधा नहींमांग नहीं होने के कारण तीनों ट्रेडों में स्टूडेंट्स नहीं दिख रहे रुचिफोटो सनत 41 व 42 : रामाशंकर पासवान, उप-प्राचार्य आइटीआइ व संस्थान के अंदर का.संवाददाता, गयागया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में तीन ट्रेड एमआरटीवी (टेलीविजन व रेडियो मेकैनिकल), हॉस्पिटलिटी […]

एमआरटीवी, कारपेंटर व हॉस्पिटलिटी ट्रेड बंद बदहाली. हाल गया आइटीआइ का, प्लेसमेंट की सुविधा नहींमांग नहीं होने के कारण तीनों ट्रेडों में स्टूडेंट्स नहीं दिख रहे रुचिफोटो सनत 41 व 42 : रामाशंकर पासवान, उप-प्राचार्य आइटीआइ व संस्थान के अंदर का.संवाददाता, गयागया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में तीन ट्रेड एमआरटीवी (टेलीविजन व रेडियो मेकैनिकल), हॉस्पिटलिटी (आतिथ्य सत्कार) व कारपेंटर ट्रेड को छात्र की अरुचि के कारण बंद कर दिया गया है. संस्स्थान में हॉस्पिटलिटी ट्रेड आठ साल पहले शुरू किया गया था. शुरू में एक वर्षीय इस कोर्स की सभी 100 सीट फुल हो जाती थीं. लेकिन, इस काेर्स को करनेवाले छात्रों के लिए रोजगार की व्यवस्था (प्लेसमेंट) नहीं होने कारण फिलहाल सीटें खाली ही रह जाती हैं. प्लेसमेंट को लेकर कुछ ऐसा ही हाल अन्य दो ट्रेडों की भी है. इस कारण डायरेक्टर जेनरल ऑफ इंप्लायज ट्रेनिंग ने इन तीनों ट्रेडों को बंद कर दिया. हालांकि, अन्य ट्रेडों में सभी सीटें फुल हो जाती हैं. संस्थान में नामांकन के लिए राज्य स्तर पर प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है. इसमें सफल विद्यार्थियों का ही नामांकन लिया जाता है.वर्तमान में संस्थान में 12 ट्रेड बिहार सरकार द्वारा संचालित गया आइटीआइ में कुल 12 ट्रेडों की प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें फिटर, इलेक्ट्रिशियन, टर्नर, मशीनिस्ट, आइटीएसएम, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेकैनिक, वायरमैन, प्लंबर, ड्राफ्टमैन व वेल्डर प्रमुख हैं. इनमें प्लंबर व वेल्डर में एक वर्षीय, जबकि अन्य ट्रेडों में दो वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है.अन्य संस्थानों से स्थिति बेहतर अन्य आइटीआइ से गया आइटीआइ में बेहतर व्यवस्था है. यहां के छात्र कुछ ट्रेडों को छोड़ कर अपना प्रशिक्षण पूरा करते-करते जॉब हासिल कर लेते हैं. हॉस्पिटलिटी ट्रेड को गया-बोधगया के पर्यटन केंद्र होने के कारण शुरू किया गया था, पर इस ट्रेड के प्रशिक्षित युवकों की मांग नहीं होने के कारण इसे बंद कर दिया गया है. कारपेंटर व एमअारटीवी ट्रेड को भी अन्य ट्रेड में समायोजित कर बंद कर दिया गया है. फिलहाल संस्थान में मशीनिस्ट व टर्नर ट्रेड के फर्स्ट व फोर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों का प्रोजेक्ट वर्क जमा कराने के साथ-साथ मौखिक परीक्षा भी ली जा रही है. प्रोजेक्ट वर्क जमा करने की अंतिम तिथि सात नवंबर है. रामाशंकर पासवान, उप-प्राचार्य, गया आइटीआइ

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