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शिक्षा का न हो व्यवसायीकरण

गया: वर्तमान भौतिकवादी युग में व्यावसायिक शिक्षा का महत्व बढ़ गया है. इस कारण इस शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इस तरह की शिक्षा प्राप्त करने से रोजगार मिलने में कठिनाई नहीं होती है, लेकिन शिक्षा का व्यवसायीकरण न होने दें. इससे एक ओर जहां प्रतिभा संपन्न विद्यार्थी अच्छी शिक्षा लेने से वंचित रह […]

गया: वर्तमान भौतिकवादी युग में व्यावसायिक शिक्षा का महत्व बढ़ गया है. इस कारण इस शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इस तरह की शिक्षा प्राप्त करने से रोजगार मिलने में कठिनाई नहीं होती है, लेकिन शिक्षा का व्यवसायीकरण न होने दें. इससे एक ओर जहां प्रतिभा संपन्न विद्यार्थी अच्छी शिक्षा लेने से वंचित रह जाते हैं, तो दूसरी ओर शिक्षा में गुणवत्ता कम हो जाती है.

ये बातें केरल के राज्यपाल निखिल कुमार ने अनुग्रह मेमोरियल बीएड कॉलेज के उद्घाटन के दौरान सोमवार को कहीं. उन्होंने अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इसके लिए अनुशासन भी आवश्यक है.

कोई शिक्षा अधूरा नहीं है. केवल सही ज्ञान अजिर्त करने की आवश्यकता है. राज्यपाल श्री कुमार ने कहा कि अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाने के लिए किसी रोजगार से सभी लोग जुड़ जाना चाहते हैं, लेकिन यही उद्देश्य जीवन की सफलता नहीं है. लोगों को अपनी पसंद की पढ़ाई करनी चाहिए. उन्होंने उच्च शिक्षा में सुधार की आवश्यकता जताते हुए कहा कि बिहार के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है.

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार के चाहने के बाद भी उच्च शिक्षा में पर्याप्त विकास नहीं हुआ है, क्योंकि पहले कुलाधिपति का सहयोग नहीं मिल रहा था. आयुक्त मगध प्रमंडल सह मगध विश्वविद्यालय के कुलपति आरके खंडेलवाल ने उच्च शिक्षा में सुधार की आवश्यकता जतायी. उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों का समन्वय आवश्यक है.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ सीताराम सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि पूरे बिहार में 260 कॉलेज अंगीभूत हैं, जिसमें से ग्यारह में इस तरह की पढ़ाई शुरू की गयी है. साथ ही 124 संबद्ध कॉलेजों में भी व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू करने और मान्यता देने की सरकार की योजना है. इसका क्रियान्वयन जल्द से जल्द किया जायेगा. उन्होंने मगध विश्वविद्यालय को पटरी पर लाने में सहयोग करने की अपील की.

उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षकों का पद सृजन होना जरूरी है, जिससे अच्छे रिसोर्स स्थापित हो सके और गुणात्मक शिक्षा मिल सके. आगत अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ अजरुन प्रसाद सिंह व संचालन डॉ विजय कुमार सिंह ने किया. इस मौके पर प्रो परशुराम सिंह सिंह, छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ राजेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो विश्वनाथ सिंह, प्रो अनिरुद्ध सिंह, डॉ श्रीकांत शर्मा, डॉ रामनंदन सिंह, डॉ आरपीएस चौहान, शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो पार्थ सारथी, इस कॉलेज के वीरेंद्र कुमार सिंह, विकास प्रताप सिंह उर्फ लाल बाबू, डॉ राज कुमार सिंह, बृज मोहन सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, अरविंद शर्मा, मृत्यंजय सिंह, श्याम बिहारी सिंह, सुरेंद्र सिंह, शंकर दयाल सिंह, विजय सिंह आदि लोग शामिल थे.

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