27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ओटीएस का लाभ उठाएं व्यवसायी : रविरंजन सहाय

ओटीएस का लाभ उठाएं व्यवसायी : रविरंजन सहायफोटो-वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) व उपायुक्त ने दी स्कीम की जानकारी सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स की गया इकाई की हुई बैठकवरीय संवाददाता, गयावित्तीय वर्ष 2010-11 से या उसके पहले के टैक्स से जुड़े विवादों का समाधान एकमुश्त कर विवाद समाधान (वनटाइम सेटेलमेंट, ओटीएस) के […]

ओटीएस का लाभ उठाएं व्यवसायी : रविरंजन सहायफोटो-वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) व उपायुक्त ने दी स्कीम की जानकारी सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स की गया इकाई की हुई बैठकवरीय संवाददाता, गयावित्तीय वर्ष 2010-11 से या उसके पहले के टैक्स से जुड़े विवादों का समाधान एकमुश्त कर विवाद समाधान (वनटाइम सेटेलमेंट, ओटीएस) के तहत हो सकेगा. इससे व्यवसायियों की परेशानी दूर होगी. यह योजना 19 अगस्त से तीन महीनों के लिए शुरू की गयी है. अर्थात, यह योजना 18 नवंबर तक ही लागू रहेगी. ये बातें वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) रविरंजन सहाय ने कहीं. श्री सहाय शुक्रवार को गया शहर स्थित विष्णु विहार होटल में सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स की गया इकाई की बैठक को संबोधित कर रहे थे. इसमें श्री सहाय व उपायुक्त ठाकुर प्रसाद सिंह ने व्यवसायियों को ओटीएस के बारे में विस्तृत जानकारी दी. श्री सहाय ने कहा कि ओटीएस योजना का लाभ वहीं व्यवसायी ले सकते हैं, जो चार नवंबर तक अपने मामलों को संबंधित दस्तावेजों के साथ उनके कार्यालय में जमा करेंगे. कागजात में व्यवसायी को अपने विवादों से जुड़े डिमांड नोटिस, वर्तमान वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न, शपथ पत्र व आेटीएस का भर हुआ फॉर्म देना होगा. इसके लिए व्यवसायियों को वकील रखने की जरूरत नहीं है. ओटीएस फॉर्म भरना बिल्कुल आसान है.कैसे मिलेगा ओटीएस का लाभ संयुक्त आयुक्त ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी व्यवसायी को वाणिज्य कर विभाग ने डिफाॅल्टर घोषित कर उन पर एक हजार रुपये टैक्स व तीन हजार रुपये की पेनॉल्टी लगायी गयी है, तो इस ओटीएस के तहत व्यवसायी को टैक्स राशि एक हजार रुपये का 35 प्रतिशत राशि यानि 350 रुपये और पेनॉल्टी राशि तीन हजार रुपये का 10 प्रतिशत, यानि 300 रुपये ही देना होगा. इस तरह व्यवसायी को कुल चार हजार रुपये की जगह मात्र 650 रुपये ही वाणिज्य कर विभाग को देने होंगे और वर्षों से लंबित विवाद भी एक झटके में समाप्त हो जायेगा. इस दौरान संयुक्त आयुक्त ने कहा कि हाल के वर्षों में वाणिज्य कर विभाग द्वारा व्यवसायियों के लिए कई सरल नीतियां लायी गयी हैं. अब व्यवसायियों के ठिकाने पर छापेमारी नहीं होती है. लेकिन, विभाग की इस कदम को व्यवसायियों ने उसकी कमजोरी समझ ली है. यह व्यवसायियों की भूल है. उन्होंने कहा कि टैक्स के रूप में वसूले गये रुपयों से ही राज्य का विकास होता है. इस कारण हर व्यवसायी बिहार के विकास के लिए टैक्स अदा करें. इस मौके पर सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हरि प्रकाश केजरीवाल, महासचिव गोवर्धन प्रसाद वर्णवाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ अनूप केडिया व डॉ कौशलेंद्र प्रताप, वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त विजयमल प्रसाद सिंह व सहायक आयुक्त रतिलाल गणेश समेत काफी संख्या में व्यवसायी उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें