गया: बेतिया जिले के मुफस्सिल थाने के बानुछापर निवासी अधिवक्ता विश्व मोहन मिश्र के सरकारी बॉडीगार्ड रजनीश कुमार की हत्या की जांच अपराध अनुसंधान शाखा (सीआइडी) करेगी. यह आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिया है. सीआइडी के आइजी विनय कुमार ने इसकी पुष्टि की है. सीआइडी इस घटना से संबंधित कागजात को जल्द ही बेतिया से पटना लायेगी. इस आदेश के बाद बॉडीगार्ड के परिजनों को न्याय मिलने की आस जगी है. परिजनों ने आरोप लगाया था कि अधिवक्ता व उनके रिश्तेदारों की पहुंच ऊंचे स्तर पर होने के कारण हत्याकांड की जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इस मामले में परिजनों ने एक आइपीएस ऑफिसर के भाई व अधिवक्ता के बेटे के साथ व्यापारिक संबंध होने के मामले को भी उजागर किया गया था.
सिर में लगी थी गोली
बॉडीगार्ड रजनीश गया जिले के कोंच थाने के सोनडीहा के रहनेवाले सुमेर शरण सिंह का बेटा था. इसके पिता सुमेर शरण सिंह सिपाही थे. 2002 में हाजीपुर में सड़क दुर्घटना में सुमेर शरण सिंह की मौत हो गयी थी. इसके बाद अनुकंपा पर 2006 में रजनीश कुमार की बहाली पुलिस विभाग में हुई. करीब डेढ़ माह पूर्व कमांडो रजनीश को बेतिया जिले के मुफस्सिल थाने के बानुछापर निवासी अधिवक्ता विश्व मोहन मिश्र का बॉडीगार्ड बनाया गया था, लेकिन 19 सितंबर की देर रात रजनीश की हत्या अधिवक्ता के घर में उसके सिर में गोली मार कर कर दी गयी थी.
हत्या के बाद अधिवक्ता ने मुफस्सिल थाने में शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन इस हत्याकांड को लेकर बेतिया जिले के पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों ने हंगामा किया. इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया, तब पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर बेतिया पुलिस सक्रिय हुई और बॉडीगार्ड हत्या में बेतिया जिले के मुफस्सिल थानाध्यक्ष नरेश कुमार ने अधिवक्ता विश्व मोहन मिश्र उर्फ लालू मिश्र व उनके बेटे सन्नी मिश्र, बानुछापर के रहनेवाले राम भरोसा प्रसाद के बेटे अजय कुमार, मदन साह के बेटे सुबोध कुमार, रामजी प्रसाद के बेटे शैलेश कुमार व सुशील झा के बेटे संजीव झा, न्यू बस स्टैंड के रहनेवाले भोला पटेल के बेटे मुकेश कुमार, गंडक कॉलोनी के रहनेवाले सिकंदर बैठा के बेटे राजकुमार, वर्क्स कॉलोनी के रहनेवाले आनंद कुमार सिंह के बेटे नवनीत कुमार सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में अधिवक्ता सहित अन्य को जेल भेज दिया गया था.
दोबारा हुआ था पोस्टमार्टम
बेतिया में बॉडीगार्ड का पोस्टमार्टम कराने के बाद 21 सितंबर को उसका शव पैतृक गांव सोनडीहा (कोंच, गया) लाया गया था, लेकिन घटना के बाद पुलिस द्वारा की गयी एक पक्षीय कार्रवाई से क्षुब्ध परिजनों ने रजनीश के शव को रिसीव करने से इनकार कर दिया. तब इस मामले को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया और वरीय अधिकारियों के निर्देश पर शव का दोबारा पोस्टमार्टम गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज में कराया गया था.