गया : पंचायती मारवाड़ी भवन में मंगलवार काे निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार प्रसाद उर्फ राजू वर्णवाल के समर्थन में मारवाड़ी समाज की बैठक हुई. बैठक में श्री वर्णवाल ने कहा कि करीब 25 वर्षों से गया शहर का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक ने शहर काे उसी हाल में छाेड़ दिया है, जैसा वर्षाें पहले था. उनका वादा है कि वह शहर की सूरत जरूर बदल देंगे.
सिर्फ जनता का समर्थन चाहिए. बैठक में समाज के अध्यक्ष राम अवतार धानुका, शिव कैलाश डालमिया उर्फ मुन्ना डालमिया, सेंट्रल बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, गया के अध्यक्ष हरि केजरीवाल, विनाेद जसरापुरिया, राजकुमार अग्रवाल, वार्ड सदस्य धर्मेंद्र कुमार, सुरेश अग्रवाल व प्रदीप केसरी आदि माैजूद थे. इससे पहले आयाेेजित संवाददाता सम्मेलन में निर्दलीय प्रत्याशी राजू वर्णवाल ने कहा कि हर्षवर्द्धन नारायण ने उन पर जाे आराेप लगाये हैं, वह बेबुनियाद हैं. उन पर आज तक धारा 107 भी नहीं लगी है. मेरे छवि पर काेई दाग हाे, ताे जनता उसका जवाब मतदान के दिन देगी. लेकिन, वह पूरे यकीन के साथ कहते हैं कि उन्होंने कभी भी ऐसी काेई गलती करने की काेशिश नहीं कि जिससे शहरवासी शर्मिंदगी महसूस हो. उन्हें हर वर्गों की जनता का अपार समर्थन मिल रहा है, इसलिए राजनीतिक दलों के खेमे में हलचल है.
स्थानीय विधायक का नाम लिये बगैर श्री वर्णवाल ने कहा कि 25 वर्षाें से अपना अधिकार मान कर पैर जमाये हुए व्यक्ति काे जब अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है, ताे वह उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं. 20 वर्षाें पूर्व जब वह गया शहर में आये थे, ताे रसाेई गैस सिलिंडर बेचने का काम करते थे. अपनी मेहनत व लाेगाें के विश्वास के बल पर आर्थिक व राजनीतिक सुदृढ़ हुआ, ताे विराेधी अब उनके खिलाफ जनता काे गुमराह करने में लग गये हैं. जनता उनकी इस घिनाैनी साजिश काे समझ रही है. श्री वर्णवाल ने कहा कि उन्हें वैश्य, केसरवानी, स्वर्णकार, अतिपिछड़ा, दलित, महादलित व अल्पसंख्यक समाज का अपार समर्थन मिल रहा है. इन समुदाय के लोग उनके साथ हैं.
इस मौके पर स्थानीय विधायक का नाम लिये बगैर वैश्य नेता संजय भदानी ने भी कहा कि ‘काैन बनेगा मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में वह जनता के सवालाें का जवाब देने नहीं गये, क्याेंकि उन्हाेंने कुछ किया ही नहीं, ताे जनता के सामने अपनी उपलब्धियां क्या रखेंगे? उन्हाेंने कहा कि जनता का साथ राजू वर्णवाल के साथ है, इसका पता मतदान के दिन चल जायेगा. इस माैके पर रामलखन स्वर्णकार, शंभु अग्रवाल, प्रदीप कुमार, नीरज कुमार, डॉ रमेश कुमार, डॉ इंद्र कुमार, मुन्ना वर्मा, महेंद्र प्रसाद, अब्दुल कादिर व शाहिद जहीर आदि भी माैजूद थे.