बोधगया: तथागत की ज्ञान भूमि पर विश्व शांति के लिए पूजा का आयोजन तो हर साल होता रहता है, पर इस बार खेल के सहारे विश्व शांति की कामना की जा रही है. इसके लिए श्रीलंका व भारत के नि:शक्त खिलाड़ियों के सीटिंग व स्टैंडिंग वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया जायेगा.
ये बातें शनिवार को मैच के लिए बोधगया पहुंचे श्रीलंका के खिलाड़ियों का नेतृत्व कर रहे श्रीलंका नेशनल वॉलीबॉल फेडरेशन फॉर डिसएबल्ड के सचिव करुनाथन विक्रमसिंघे ने कहीं. उन्होंने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की पहल पर यहां विकलांग खिलाड़ियों के वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया गया है.
श्रीलंका की टीम में 13 महिला व 12 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं. इनमें एक खिलाड़ी एलटीटीइ में पहले शामिल थीं व दो खिलाड़ी श्रीलंकन आर्मी में थीं. यह सभी युद्ध के दौरान विकलांग हो चुकी हैं. इस अवसर पर साइंस एवं एडुकेशन कमीशन एशियन फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के चेयरमैन सह खेल के आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ फरासत हुसैन ने कहा कि दोनों देशों के बीच हजारों साल पुरानी दोस्ती व संबंध को और मजबूती देने के उद्देश्य से वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया गया है.
सह-अध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने कहा कि बोधगया में बम विस्फोट के बाद विश्व में शांति का संदेश प्रसारित करने के निमित्त यह मैच हो रहा है. उन्होंने कहा कि गया व बोधगया की धरती पर पहली बार इंटरनेशनल मैच होने जा रहा है. सोमवार की शाम साढ़े पांच बजे कालचक्र मैदान पर इसका उद्घाटन होगा. इस अवसर पर ट्रॉफी व टी-शर्ट को भी प्रदर्शित किया गया. प्रेस वार्ता में मोती करीमी सहित श्रीलंका टीम के कोच व कप्तान भी मौजूद थे.