22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सात को फांसी पांच को उम्रकैद

मुंबई : 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार विस्फोट के 12 दोषियों में से पांच को फांसी की सजा सुनायी गयी है. सात अन्य को उम्रकैद की सजा दी गयी है. बुधवार को विशेष मकोका न्यायाधीश यतीन डी शिंदे ने सजा का एलान किया. जिन्हें फांसी की सजा दी गयी […]

मुंबई : 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार विस्फोट के 12 दोषियों में से पांच को फांसी की सजा सुनायी गयी है. सात अन्य को उम्रकैद की सजा दी गयी है.

बुधवार को विशेष मकोका न्यायाधीश यतीन डी शिंदे ने सजा का एलान किया. जिन्हें फांसी की सजा दी गयी है, उनपर ट्रेन में बम रखने का आरोप है,

वहीं जिन्हें उम्रकैद की सजा दी गयी है उनपर विस्फोट में मदद करने का. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे हाइकोर्ट में अपील करेंगे. इन सभी के तार प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े थे. सभी भारतीय हैं.

बात यह है कि नौ साल पहले खार रोड-सांताकू्रज, बांद्रा-खार रोड, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम जंक्शन और बोेरवली के बीच 10 मिनट के अंतराल में लोकल ट्रेनों में हुए विस्फोटों से मुंबई दहल गयी थी. लोकल ट्रेनों के शेष पेज 15 पर
सात को फांसी पांच…
प्रथम श्रेणी के डब्बाें में सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुआ था जिसमें 189 लोगों की मौत हुई थी. 829 लोग घायल हो गये थे.
मकोका न्यायाधीश ने पिछले साल 19 अगस्त को मुकदमे की सुनवाई पूरी कर ली थी.
गवाहों से पूछताछ दो साल बाद फिर शुरू हुई. लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद अदालत ने 11 सितंबर 2015 को 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था जबकि एक को बरी कर दिया था. इन सभी के प्रतिबंधित संगठन सिमी से कथित रूप से संबंध रहे हैं.
अदालत ने सजा को लेकर पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की सुनवाई पूरी की थी. इस दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ आरोपियों को मृत्युदंड देने और चार अन्य के लिए आजीवन कारावास की मांग की थी.
एटीएस के आरोपपत्र में कहा गया था कि मुंबई के उपनगर गोवंदी में एक कमरे में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस यानी आइआइडी बनाये गये. बम बनाने के दौरान कुछ पाकिस्तानी नागरिक भी मौजूद थे.
किस धारा के तहत दोषी
पांच आरोपियों को आइपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी पाया गया. वहीं, सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम, भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी पाया गया. सभी आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1-आइ) के तहत भी दोषी पाया, जिसके तहत मृत्युदंड का प्रावधान है.
दोषियों ने पीड़ित परिवारों को लिखा पत्र
धमाकों के दोषियों ने धमाके के पीड़ित परिवारों से मदद की गुहार लगायी थी. जेल में बंद सभी 12 दोषियों ने पत्र लिखकर कहा कि जिस तरह आप धमाके के पीड़ित हैं वैसे ही हम सिस्टम से. हमें न्याय दिलाने में मदद करें.
हाइकोर्ट में अपील करेंगे दोषी
कोर्ट में दोषियों की पैरवी करने वाले वकील ने कहा है कि वो मकोका कोर्ट की ओर से सुनायी गयी सजा के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील करेंगे.
192 से पूछताछ
मुकदमे में अभियोजन ने भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के आठ, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के पांच अधिकारियों और 18 डॉक्टरों सहित 192 गवाहों से पूछताछ की. बचाव पक्ष ने 51 गवाहों से और एक व्यक्ति से अदालत के गवाह के रूप में पूछताछ की.
30 पर आरोपपत्र, 17 फरार
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीसी) ने नवंबर 2006 में 30 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जिसमें 17 फरार हैं. लश्करे तैयबा का सदस्य आजम चीमा समेत 13 पाकिस्तानी नागरिक इस मामले में फरार है.13 आरोपियों को मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ मामले की सुनवाई की गयी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें