गया/कोलकाता: गया पुलिस की टीम ने कोलकाता से भाकपा-माओवादी के जोनल कमांडर नेपाली यादव को मंगलवार की रात गिरफ्तार कर लिया. एसएसपी निशांत कुमार तिवारी व सिटी एसपी चंदन कुशवाहा ने बताया कि नेपाली यादव आमस थाने के महादेवपुर गांव के टोला बुधी स्थान का रहनेवाला है.
वह बिहार, झारखंड व ओड़िशा के माओवादियों का जोनल कमांडर के तौर पर काम कर रहा था. माओवादियों के मोबाइल सर्विलांस पर रखे जाने के दौरान नेपाली यादव को कोलकाता में रहने की जानकारी मिली. इसके बाद गया पुलिस की टीम नेपाली की तलाश में रविवार को कोलकाता गयी.
काफी छानबीन के बाद पुलिस को मध्य कोलकाता के महात्मा गांधी रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में नेपाली के मौजूद होने की जानकारी मिली. इस दौरान कोलकाता की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद से मंगलवार की रात उसे दबोच लिया गया. बुधवार को कोलकाता स्थित बैंकशॉल कोर्ट में पेश कर उसे गया लाया गया.
इतिहास खंगालने में जुटी पुलिस : सटी एसपी ने बताया कि नेपाली यादव के विरुद्ध इमामगंज थाने में 24 अगस्त को कांड संख्या 131/13 व सात सितंबर को कांड संख्या 135/13 दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के अनुसार, नेपाली यादव व उसके साथियों ने पुलिस पर हमला करने के लिए में लुटुआ कैंप के पास भारी मात्र में विस्फोटक पदार्थ व अन्य सामान एकत्रित किये थे. सिटी एसपी ने बताया कि नेपाली यादव ने औरंगाबाद जिले की सीमा पर स्थित चाल्हो जोन इलाके में अपने सदस्यों को ट्रेनिंग दी थी. इसकी गिरफ्तारी की सूचना औरंगाबाद जिले की पुलिस को दी गयी है. औरंगाबाद जिले के कई थानों में माओवादी नेपाली का इतिहास खंगाला जा रहा है.
युवाओं को दी ट्रेनिंग भी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गया के अलावा पूरे बिहार के विभिन्न जिलों में नेपाली के नाम पर अपहरण, फिरौती व रंगदारी के 12 से अधिक मामले दर्ज हैं. गत छह महीने से वह पुलिस के साथ आंख-मिचौनी कर रहा था. गत सप्ताह किसी काम के सिलसिले में नेपाली के कोलकाता में आने की सूचना मिली थी.
इसके बाद रणनीति के तहत उसे दबोचा गया. अधिकारियों ने बताया कि जोनल कमांडर के पद पर कार्यरत होने के बाद से वह विभिन्न शहरों से युवाओं को माओवादी क्रियाकलाप के साथ जोड़ने के लिए ट्रेनिंग देने का भी कार्य करता था. माओवादियों के लिए फंड जुटाने के लिए वह अपहरण, फिरौती व रंगदारी का काम करता था. गया पुलिस उससे विस्तृत पूछताछ करेगी. गया पुलिस की इस सफलता को देखते हुए कोलकाता पुलिस के क्रियाकलाप पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस के कुछ कर्मियों का ही कहना है कि मध्य कोलकाता में यह कुख्यात अपराधी गत एक सप्ताह से छिपा था, लेकिन एसटीएफ के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी. गया पुलिस को सूचना नहीं मिलती, तो यासिन भटकल की तरह नेपाली यादव भी यहां से अपने काम खत्म करके फरार हो जाता.