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संग्रहालय बना पुलिस बैरक !

गया: गया पुलिस अपने क्रियाकलाप से हमेशा चर्चा में रहती है. बिहार पुलिस के जवानों ने गया संग्रहालय को कब्जा कर उसे आवासीय परिसर का रूप दे दिया है. यह हाल कई महीनों से है. लेकिन, यहां से पुलिस को हटाने की सुध किसी अधिकारी को नहीं. सामान्य प्रशासन के साथ-साथ पुलिस के वरीय अधिकारी […]

गया: गया पुलिस अपने क्रियाकलाप से हमेशा चर्चा में रहती है. बिहार पुलिस के जवानों ने गया संग्रहालय को कब्जा कर उसे आवासीय परिसर का रूप दे दिया है. यह हाल कई महीनों से है. लेकिन, यहां से पुलिस को हटाने की सुध किसी अधिकारी को नहीं. सामान्य प्रशासन के साथ-साथ पुलिस के वरीय अधिकारी भी इस मसले पर चुप्पी साधे बैठे हैं. पुलिस के रहने से संग्रहालय की गरिमा भी धूमिल हो रही है.

संग्रहालय घूमने आनेवाले पर्यटक गया की पुलिस के बारे में अच्छा मैसेज लेकर नहीं लौट रहे. जवानों ने संग्रहालय को इस कदर आवासीय रूप दे दिया है, मानों यह पुलिस बैरक हो. यहां रखी गयीं भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमाएं जवानों को मच्छरदानी बांधने के काम आ रही हैं. खुलेआम भगवान बुद्ध व अन्य प्रतिमाओं का उपयोग जवान कपड़ा सुखाने के लिए कर रहे हैं. इस कारण यह संग्रहालय है या बैरक, पता ही नहीं चलता.

तत्कालीन जिलाधिकारी बंदना प्रेयसी के समय में गया दौरे पर आयी कला एवं संस्कृति विभाग की तत्कालीन मंत्री सुखदा पांडेय ने गया संग्रहालय का भ्रमण किया था. उस दौरान संग्रहालय में पुलिस के जवानों के रखने पर कड़ी आपत्ति डीएम से जतायी थी और अविलंब संग्रहालय से पुलिस को हटाने का निर्देश दिया था. लेकिन, उस आदेश का भी अब तक पालन नहीं हुआ.

एसपी ने भी जतायी आपत्ति
सात जुलाई को बोधगया में हुए सीरियल बम-ब्लास्ट की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) के एसपी विकास वैभव दो दिन पहले गया संग्रहालय का भ्रमण करने पहुंचे. लेकिन, वहां जवानों द्वारा म्यूजियम को पुलिस बैरक का रूप दे दिये जाने पर काफी निराश हुए. इससे क्षुब्ध श्री वैभव ने अपने मोबाइल में जवानों के रहने की स्थिति की कई तसवीरें लीं और तुरंत गया के एसएसपी निशांत कुमार तिवारी से संपर्क किया. एसएसपी ने तुरंत उन्हें अपने आवास पर बुलाया और जल्द ही वहां से पुलिस को हटा लेने का आश्वासन दिया.

क्या कहते हैं अध्यक्ष
संग्रहालय के अध्यक्ष शंकर शरण ने बताया कि 28 सितंबर को उन्हें प्रभार दिया गया है. इससे पहले परशुराम पांडे संग्रहालय के अध्यक्ष थे. उनके रिटायरमेंट के बाद उन्हें प्रभार सौंपा गया है. म्यूजियम के परिसर में कब से पुलिस रह रही है, इसका पता लगाया जा रहा है. साथ ही किसके आदेश से रह रही है. इससे संबंधित उनके कार्यालय में आदेश की कोई कॉपी नहीं है. इस मसले को जिलाधिकारी के सामने जल्द ही रखा जायेगा.

क्या कहते हैं एसएसपी
इस संबंध में एसएसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि संग्रहालय परिसर में पुलिस के रहने की बात प्रकाश में आयी है. वहां पुलिस किसके आदेश से रह रही है, इसका पता किया जा रहा है. जल्द ही पुलिस को वहां से हटा लिया जायेगा.

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