गया: क्षत्रिय कोई जाति नहीं है, बल्कि यह एक धर्म है, एक संस्कृति है. पर, जाति के नाम पर ठेकेदारी करने वालों ने इसके राजनीतिक आधार को ध्वस्त करने का काम किया है.
ये बातें बुधवार को युवा राजपूताना एकता संगठन व महाराणा विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में सिंगरा स्थान स्थित बुद्धा एएनएम नर्सिग इंस्टीटय़ूट में हुई बैठक में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी स्मिता को बरकरार रखने की जरूरत है.
इसके लिए क्षत्रिय आरक्षण अधिकार रैली का आयोजन करने का भी निर्णय बैठक में लिया गया. क्षत्रियों के मताधिकार का ध्रुवीकरण करने, संगठन को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि अतीत की नींव पर वर्तमान का आधार नहीं रखा जा सकता. इसके लिए अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है. इस मौके पर एएम कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप की जन्म स्थली के बारे में बताया व उनकी स्थिति से अवगत कराया. बैठक में डॉ राधानंद सिंह ने कहा कि क्षत्रिय धर्म का पालन करने की जरूरत है पर, विडंबना है कि आज क्षत्रिय सभी के भिड़ में शामिल हो गये हैं. इन्हें अलग पहचान बनाने के लिए कुछ अलग करने की जरूरत है.
प्रोफेसर विद्यासागर सिंह ने कहा कि किसी जमाने में क्षत्रियों के कार्यकलापों से लोग सीख लेते थे, लेकिन अफसोस है कि क्षत्रिय आज अपनी पहचान भी खोते जा रहें हैं. अरविंद सिंह ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए हर व्यक्ति को आगे आने की जरूरत है. उन्होंने दोनों संगठनों को एक मंच पर होने को बड़ी घटना बताया. गया कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष नितिन कुमार, रणधीर कुमार सिंह सहित अन्य ने संबोधित किया. इसमें अटल बिहारी सिंह, छबिला सिंह, डॉ राणा अजय कुमार सिंह, रामनंदन सिंह, हीरा बाबा, चंदन कुमार, बिट्ट, गोलु कुमार मौजूद थे. संचालन डॉ मुनि किशोर सिंह व अध्यक्षता बिरजा सिंह व अटल बिहारी सिंह ने की.