गया : जिले में मलेरिया बेकाबू हो चुका है. एक-एक कर अब तक दर्जनों गांव में पांव पसार चुका है. बावजूद इसके कोई पहल नहींकी जा रही है. लंबे समय से जिला मलेरिया पदाधिकारी का पद खाली है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र चौधरी को अतिरिक्त प्रभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है.
इसी से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि मलेरिया को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है. अधिकारी व कर्मचारी के अभाव में मलेरिया विभाग कोई ठोस पहल करने में सक्षम नहीं है. उधर, विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उदासीन बने हैं.
परिणामस्वरूप मलेरिया पारासइट्स (एमपी) टेस्ट के लिए स्लाइड लेने का काम प्राय: ठप है. सामान्य स्थिति में कुल आबादी का एक प्रतिशत स्लाइड लेने का लक्ष्य निर्धारित है. लेकिन, मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में भी स्लाइड लेने का काम लक्ष्य से काफी दूर है. डीडीटी छिड़काव व फॉगिंग का काम भी संतोषजनक नहीं है.
नगर प्रखंड के नौ गांवों में हो चुका है डीडीटी का छिड़काव : नगर प्रखंड के केशरू, धरमपुर, शहबाजपुर, महाराजबिगहा, लखनो, रामदासपुर, डुमरा, बहबलपुर, कोसमा, जगन्नाथपुर, तूरी, व धनीबिगहा आदि गांवों में से नौ गांव में डीडीटी छिड़काव किया जा चुका है. अब भी छिड़काव जारी है.
परैया में छिड़काव आज से : परैया प्रखंड के राजपुर, आजाद बिगहा, सिजुआ, सुढ़नी, नौवा बिगहा, करहट्टा, सिकंदरपुर, ईश्वापुर, धर्मशाला व राजा बिगहा गांव में मलेरिया का प्रकोप जारी है. इन गांवों में मंगलवार से डीडीटी का छिड़काव शुरू किया जायेगा. मलेरिया विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि शेरघाटी में छिड़काव कर रहे टीम को परैया भेजा गया है. फिलवक्त शेरघाटी में छिड़काव का कार्य ठप रहेगा.
मलेरिया पीड़ितों के लिए सुझाव : आराम करें, हल्का, ताजा व स्वास्थ्यवर्धक भोजन लें, पीने के लिए उबला पानी का सेवन करें, बाहर का व जिंक फूड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें, भोजन से पहले अच्छी तरह हाथ की सफाई अवश्य करें.