Advertisement
‘आइ एम डिलाइटेड टू बी इन गया..’
कंचन गया : गया-बोधगया से दुनियाभर के सैकड़ों-हजारों लोगों की यादें जुड़ी हैं. कुछ अब भी हमारे बीच हैं, तो कुछ हमें अलविदा कह गये. इन्हीं में एक नाम पूर्व राष्ट्रपति व महान वैज्ञानिक डॉ अबुल पाकिर जैनुलआबेदिन अब्दुल कलाम का है, जो सोमवार को हमें सदा के लिए छोड़ गये. राष्ट्रपति रहते हुए 31 […]
कंचन
गया : गया-बोधगया से दुनियाभर के सैकड़ों-हजारों लोगों की यादें जुड़ी हैं. कुछ अब भी हमारे बीच हैं, तो कुछ हमें अलविदा कह गये. इन्हीं में एक नाम पूर्व राष्ट्रपति व महान वैज्ञानिक डॉ अबुल पाकिर जैनुलआबेदिन अब्दुल कलाम का है, जो सोमवार को हमें सदा के लिए छोड़ गये.
राष्ट्रपति रहते हुए 31 मई, 2003 को डॉ कलाम बोधगया आये थे. वह ऑल इंडिया भिक्खु संघ के संघ नायक भंते धर्मविरियो के आमंत्रण को नकार नहीं सके थे. वर्ल्ड हेरिटेज महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध के सामने नतमस्तक हुए थे. मंदिर परिसर का परिभ्रमण कर पूजा-अर्चना की थी.
उनका ज्ञान पिपासु मन मंदिर के इतिहास व उसकी विशेषता जानने को आतुर था. बीटीएमसी के तत्कालीन सचिव डॉ कालीचरण यादव के ज्ञान की परीक्षा शुरू हुई. (मंदिर के इतिहास व महत्ता की जानकारी ली). मंदिर के भिक्षु प्रभारी भंते बोधिपाल से भी कई सवाल पूछे.
धूप होने के कारण मंदिर के गेट से गर्भगृह तक जाने के लिए जब उन्हें मोजे दिये गये, तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया. कहा कि भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए मोजा पहन कर जाना उचित नहीं होगा. वह नंगे पांव ही मंदिर व वज्रासन होते हुए मुचलिंद सरोवर तक गये. सरोवर के ऊपरी हिस्से पर विश्वशांति के लिए पीपल का पौधा लगाया. विभिन्न बौद्ध मठों के बौद्ध भिक्षुओं से मिले व कई जानकारियां हासिल कीं.
स्कूली बच्चों से मिल कर एक शिक्षक के रूप में कई सवाल किये. तब उनके साथ बिहार सरकार में मंत्री रहे शकील अहमद खां, सुरेश पासवान, जीतन राम मांझी, सांसद रामजी मांझी, विधायक श्यामदेव पासवान, डॉ विनोद कुमार यादवेंदु, आयुक्त हेमचंद्र सिरोही, डीएम ब्रजेश मेहरोत्र व अन्य भी थे.
गया का किया था गुणगान : 11 फरवरी, 2010 को थर्ड बिहार साइंस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने आये पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने गया कॉलेज, गया में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए अपने संबोधन के आरंभ में कहा था, ‘आइ एम डिलाइटेड टू बी इन गया, ए वेरी फेमस पिलग्रिमेज सेंटर.’ अर्थात तीर्थस्थल के रूप में विख्यात गया आकर अभिभूत हूं. यह वह क्षेत्र है, जहां से निकल कर बौद्ध दर्शन पूरी दुनिया में पहुंचा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement