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दौड़ में शामिल निर्दलीय कुमार नागेंद्र को हाथ लगी भारी निराशा

गया : बिहार विधान परिषद के (03) गया-जहानाबाद-अरवल निर्वाचन क्षेत्र के लिए सात जुलाई को डाले गये वोट की शुक्रवार को जिला स्कूल के सभागार में काउंटिंग हुई. इसमें जदयू प्रत्याशी पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी (गणोशचक) ने 3958 मत प्राप्त कर जीत हासिल कर ली. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे निवर्तमान विधान पार्षद अनुज कुमार […]

गया : बिहार विधान परिषद के (03) गया-जहानाबाद-अरवल निर्वाचन क्षेत्र के लिए सात जुलाई को डाले गये वोट की शुक्रवार को जिला स्कूल के सभागार में काउंटिंग हुई. इसमें जदयू प्रत्याशी पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी (गणोशचक) ने 3958 मत प्राप्त कर जीत हासिल कर ली.
उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे निवर्तमान विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह को 3143 वोट मिले और वह दूसरे नंबर पर रहे. प्रथम वरीयता के मतों की गिनती में पड़े वैध मत के 51 प्रतिशत से अधिक मत किसी प्रत्याशी को नहीं मिलने की स्थिति में दूसरी वरीयता मत की गणना पांच राउंड तक चली. इसके बाद मनोरमा देवी विजेता घोषित की गयीं.
हालांकि, वह पहले ही राउंड में 655 मतों के अंतर से आगे हो गयी थीं. मनोरमा को पहले राउंड में 3604 वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी अनुज कुमार सिंह को 3049 मत हासिल हुए. चौथे राउंड में कुमार नागेंद्र के द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती में मनोरमा देवी को 3721 व अनुज कुमार सिंह को 3143 मत हासिल हुए. इस प्रकार चौथे राउंड के बाद मनोरमा देवी, अनुज कुमार सिंह से 578 मतों के अंतर से आगे हो गयी थीं.
कुल वैध 7600 मतों का 51 प्रतिशत से अधिक का मतलब किसी प्रत्याशी को जीत के लिए 3801 मत मिलना चाहिए था, जो प्रथम वरीयता के मतों की गिनती से नहीं आ रहा था.
मतगणना की प्रक्रिया शुरू होने से विजेता प्रत्याशी को सर्टिफिकेट देने तक जिला निर्वाची पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल व प्रेक्षक शशिशेखर शर्मा उपस्थित रहे. जिला निर्वाची पदाधिकारी ने मनोरमा देवी को जीत की बधाई देते हुए उन्हें सर्टिफिकेट दिया.
मतों की गिनती सुबह आठ बजे से की गयी. उक्त सीट से पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इनमें भाजपा से अनुज कुमार सिंह, जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी (गणोशचक), भाकपा माले से रीता देवी, निर्दलीय कुमार नागेंद्र उर्फ रिंकू व मनोरमा देवी (मदारपुर) शामिल थे. मतों की गिनती के आधार पर कुल 7967 वोट डाले गये. इसमें 7600 वैध मत मिले.
367 वोट अवैध हो गये. नोटा में एक वोट डाला गया. प्रथम वरीयता में जदयू की मनोरमा देवी को 3604, भाजपा के अनुज कुमार सिंह 3059, निर्दलीय कुमार नागेंद्र को 810, भाकपा माले की रीता देवी को 102 व निर्दलीय मनोरमा देवी (मदारपुर) को 35 मत प्राप्त हुए. चुनाव में निर्दलीय कुमार नागेंद्र को भारी निराशा हाथ लगी. 2009 में जदयू के टिकट पर विधान पार्षद का चुनाव जीते अनुज कुमार सिंह को जनप्रतिनिधियों को पसंद नहीं आया. हाल ही में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है.
लेकिन, भाजपा के ग्रास रूट के नेता व कार्यकर्ता उन्हें पचा नहीं पा रहे थे. शायद यह भी उनकी हार का कारण रहा है. यों तो जातीय आधार पर मगध राजद-जदयू का गढ़ माना जाता रहा है. लालू के शासनकाल में गया के 10 में नौ विधानसभा सीट राजद के पाले में थी. राजद-जदयू-कांग्रेस का महागंठबंधन होने के बाद मगध फिर से मजबूत स्थिति में उभरता दिखाई दे रहा है.

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