गया: गयातीर्थ में मनुष्य पिंडदान करने आता है. मनुष्य जीते जी भी अपना पिंडदान कर सकता है. पिता भी पुत्र का पिंडदान कर सकता है. ये बातें आजाद पार्क में मंगलवार को वृंदावन से आये डॉ संजय कृष्ण जी सलिल ने कहीं. उन्होंने कहा कि पिता द्वारा पुत्र का पिंडदान करने का प्रमाण भी है.
अश्वस्थामा ने पांडव के पांच पुत्रों को मार दिया.
तब भगवान ने पांडवों को समझाते हुए कहा कि सभी को एक दिन अवश्य मरना है. पिता के सामने पुत्र मरे या पुत्र के सामने पिता. विधि के विधान को कोई नहीं टाल सकता है. युधिष्ठिर ने गयामें आकर उन पांचों बालकों के निमित्त पिंडदान किया.