गया: विद्यालयों में पठन-पाठन का बेहतर माहौल बनाया जाये. स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति निरंतर बनी रहे, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास करने होंगे. राज्य से पूरी तरह निरक्षरता मिटानी है. साक्षरता की ज्योति घर-घर में पहुंचानी हैं. उक्त बातें समाहरणालय सभा कक्ष में शुक्रवार को अपनी सेवायात्र के अंतिम दिन मगध प्रमंडल के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहीं.
उन्होंने कहा कि राज्य भर के पंचायतों में इस साल एक हजार नये हाइस्कूलों की स्थापना करायी जायेगी. हर प्रखंड में कम-से-कम एक नया उच्च विद्यालय जरूर खोला जायेगा. एक हाइस्कूल के निर्माण पर लगभग तीन करोड़ तथा शिक्षकों के वेतन व अन्य कार्यो पर सालाना 18 लाख रुपये खर्च होते हैं. आंगनबाड़ी केंद्र के लिए तीन डिसमिल, स्वास्थ्य उप केंद्र के लिए तीन डिसमिल, प्राथमिक विद्यालय के लिए 20 डिसमिल, मिडिल स्कूल के लिए 50 डिसमिल व हाइस्कूल के लिए एक एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है.
आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों के लिए भूमि दान में ली जाये. यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन दान में देता है, तो उसके या परिजन के नाम जोड़ दिये जायें. सीएम ने मनरेगा दिवस पर मनरेगा योजना की जांच व इसके प्रतिवेदन पर हुई कार्रवाई की भी समीक्षा की. हर बुधवार को जिले के किसी एक प्रखंड की सभी पंचायतों में मनरेगा की योजनाओं की गहन समीक्षा हो. योजनाओं से बिचौलियों को पूरी तरह हटाया जाये. इंदिरा आवास के लाभुकों की सूची नेट पर उपलब्ध है. जनप्रतिनिधि समय पर उनके आवास बनवायें. आर्थिक व सामाजिक जनगणना को अति महत्वपूर्ण बताया. सीएम ने कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें. कोई व्यक्ति इससे अछूता न रहे. इसका ध्यान रखें.
इस दौरान महादलित विकास योजना, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना, महादलित शौचालय निर्माण योजना, विकास मित्रों का नियोजन, सामुदायिक भवन सह वर्क शेड निर्माण व मुख्यमंत्री महादलित रेडियो योजना,जन शिकायत कोषांग, लोक सेवा अधिकार कानून, गेहूं की खरीद व किसानों के बकाये, श्री विधि खेती, राजकीय नलकूपों, डेयरी उद्यमिता विकास योजना, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, नगर विकास, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग आदि की भी समीक्षा की गयी. बिजली विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि जले ट्रांसफॉर्मरों को बदलने के लिए एमपी लैंड व मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के पैसे का उपयोग सांसद व विधायक करें.
पीएचइडी के अधिकारियों से पेयजल के सभी स्त्रोतों को ठीक कराने को कहा. बैठक में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक, कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी, नगर विकास एवं आवास मंत्री डॉ प्रेम कुमार, सांसद हरि मांझी, जगदीश शर्मा, सुशील कुमार सिंह, विधायक अनिल कुमार, कृष्णनंदन यादव, ज्योति मांझी, वीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह, संजीव श्याम सिंह, उपेंद्र प्रसाद व अन्य मौजूद थे.