गया: पितृपक्ष मेले में देश-विदेश के कोने-कोने से आये तीर्थयात्री अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण कर रहे हैं व परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांग रहे हैं. सोमवार को विष्णुपद मंदिर परिवार में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के खड़गांव निवासी जागसीवाल गोयल परिवार के पुरुष-महिला के 40 सदस्य एक साथ बैठ कर सात पीढ़ियों के 57 पूर्वजों के लिए पिंडदान कर रहे थे.
सात पीढ़ियों के 57 पूर्वजों का नाम बोर्ड में दर्ज कराया कर लाये हैं. इसमें नान्हुमल गोयल सबसे बड़े पीढ़ी से लेकर अंतिम पीढ़ी के जगदीश गोयल तक नाम दर्ज हैं. सपरिवार आये गोयल परिवार को पुरोहित विनोद पाठक आचार्य पांच कर्ता को विधि विधान से 17 दिनों का कर्मकांड पूरा करा रहे हैं.
रमेश गोयल, विशेषर लाल, राधेश्याम, प्रह्वाद गोयल व ज्ञानचंद गोयल बताते हैं कि गयाजी में पिंडदान व तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष तो मिलता है. लेकिन हमारे पूर्वजों को मोक्ष दिलाने में हम से अधिक पंडा जी का योगदान है. गयाजी के पंडा जी के लिए बिना यह संभव नहीं था. व्यापार से जुड़े गोयल परिवार के सदस्यों ने बताया कि संतान द्वारा पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलती है. पितर खुश होकर कर्ता को आशीर्वाद भी देते हैं. लेकिन इस पुनीत कार्य को पूरा तो गयाजी के पंडा समाज ही पूरा करते हैं.