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समय पर नहीं हुआ काम, अब फजीहत

बोधगया: नगर पंचायत के सभी वार्डो के घरों से निकलनेवाले मल-मूत्र को एक स्थान पर जमा करने व उसे ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से परिष्कृत करने की सीवरेज योजना का समय से पूरा नहीं होने के कारण अब लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. निर्धारित समयावधि में काम को पूरा नहीं होने से बोधगया के […]

बोधगया: नगर पंचायत के सभी वार्डो के घरों से निकलनेवाले मल-मूत्र को एक स्थान पर जमा करने व उसे ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से परिष्कृत करने की सीवरेज योजना का समय से पूरा नहीं होने के कारण अब लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. निर्धारित समयावधि में काम को पूरा नहीं होने से बोधगया के विभिन्न मुहल्लों में विकास योजनाएं भी प्रभावित हो रही है. मुख्य रूप से सड़कों को दुरुस्त करने व नए सड़क बनाने की दिशा में काम शुरू नहीं किया जा रहा है.

सीवरेज पाइप बिछाने के लिए विभिन्न मुहल्लों के सड़कों के किनारे व बीच में खोदे जानेवाले गढ़े को भरने के बाद उसके ऊपर पूर्व की तरह सड़क या पीसीसी का निर्माण किया जाना था. लेकिन, सीवरेज योजना को पूरा कराने में जुटी कंपनी द्वारा कई मुहल्लों की सड़कों को दुरुस्त नहीं किया गया है. इससे बरसात होने पर लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. सड़कों पर कीचड़ फैल गया है.

92 करोड़ की है योजना
जेनुरुम के तहत बोधगया में सीवरेज सिस्टम स्थापित करने के लिए 92 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी थी. जून 2012 से काम शुरू हुआ था व इसे पूरा करने के लिए दो वर्ष का समय निर्धारित की गयी थी. तय समयावधि में काम पूरा नहीं होने पर समय का विस्तार भी किया गया था. लेकिन, अब तक योजना पूरी नहीं हो सकी है. इस योजना पर 80 प्रतिशत केंद्र सरकार को व 20 प्रतिशत रुपये राज्य सरकार को देना है. अब तक योजना का 70 प्रतिशत काम होना बताया जा रहा है. इसके एवज में काम करानेवाली कंपनी को लगभग 65-70 प्रतिशत रुपये का भुगतान भी हो चुका है.

कंपनी के एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि बीच में फंड की कमी व नदी के किनारे बनाये जा रहे ट्रीटमेंट प्लांट की जमीन को लेकर उत्पन्न विवाद के कारण काम बंद हो गया है. हालांकि, कार्यो के निबटारे में धीमी प्रक्रिया भी इसके देर होने का कारण रहा है. वजह चाहे जो भी है. इतना तो जरूर है कि सीवरेज योजना को पूरा होने में हो रही देर के कारण बोधगया के लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. सरकार द्वारा स्वीकृत कई सड़कों की मरम्मत व निर्माण का कार्य इस कारण नहीं कराये जा रहे हैं कि सड़क बनने के बाद सीवरेज पाइप के लिए खोदे जानेवाले गढ़े से सड़कें बरबाद हो जायेगी. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि कार्य करानेवाली कंपनी पर प्रशासन का लगाम नहीं होने के कारण मनमाने ढंग से कार्य करा रहा है. उधर, नगर पंचायत के पदाधिकारियों का कहना है कि नगर पंचायत इसके लिए सिर्फ उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का हकदार है.

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