गया: पितृपक्ष मेला में देश से विदेश से आये तीर्थयात्रियों को सुफल (आशीर्वाद) देने का विशेष महत्व है. इस कार्य को गयापाल पंडा कालांतर से करते आ रहे हैं. विभिन्न वेदियों पर पिंडदान व तर्पण करने के बाद तीर्थयात्रियों को सुफल देते हैं.
सामथ्र्य के अनुसार तीर्थयात्री अपने पुरोहित (पंडा जी) को दान देते हैं. शहर के अंदर गया में अधिकतर गयापाल पंडा समाज का निवास स्थान है. लेकिन इनके नाम में लगे टाइटिल से इनकी पहचान है. मुख्य द्वार पर टाइटिल लगे बोर्ड जरूर मिल जाते हैं.