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इंस्पेक्टरों को सौंपी जिम्मेवारी

गया: पर्व व त्योहारों के दौरान हाल के वर्षो में मगध के गया व नवादा जिलों में कई हिंसक घटनाएं हुईं. ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों, इस बाबत मगध रेंज के डीआइजी बच्चू सिंह मीणा ने गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा व अरवल जिलों के इंस्पेक्टरों को नयी जिम्मेवारी दी है. उन्हें सभी थानों […]

गया: पर्व व त्योहारों के दौरान हाल के वर्षो में मगध के गया व नवादा जिलों में कई हिंसक घटनाएं हुईं. ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों, इस बाबत मगध रेंज के डीआइजी बच्चू सिंह मीणा ने गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा व अरवल जिलों के इंस्पेक्टरों को नयी जिम्मेवारी दी है.

उन्हें सभी थानों के गुंडा रजिस्टर को अपडेट करने का निर्देश दिया है. इसमें वैसे लोगों के नाम अंकित करने का निर्देश दिया है, जिनके विरुद्ध वर्ष 2009 से अबतक रंगदारी, छेड़खानी, दंगा, रोड जाम, पुलिस व प्रशासन अधिकारियों पर हमला करने, शराब के अवैध कारोबार से जुड़े रहने सहित अन्य मामलों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं. इनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए धारा 107 व 116 का प्रस्ताव थाना स्तर से तैयार कर संबंधित एसडीओ को प्रतिवेदन भी भेजना है.

डीआइजी के इस फरमान से इंस्पेक्टरों में हड़कंप मच गया है. डीआइजी ने इस कार्य को पूरा करने के लिए 29 सितंबर का समय दिया है. 30 सितंबर को वह इस मामले में हुई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. इसमें उत्कृष्ट कार्य करनेवाले दो इंस्पेक्टरों को पुरस्कृत किया जायेगा. दो जिलों के एसपी को भी प्रशंसा पत्र दिये जायेंगे. दूसरी तरफ, कोताही बरतनेवाले इंस्पेक्टरों को चिह्न्ति कर कड़ी कार्रवाई की भी जायेगी.

डीआइजी श्री मीणा ने बताया कि अफवाह फैला कर अपनी रोटी सेंकने वाले असामाजिक तत्वों के दिन अब लद गये हैं. किसी भी सूरत में हिंसक घटनाओं के आरोपितों को बख्शा नहीं जायेगा.

हिंसक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रिवेंटिव कदम उठाये गये हैं. उन्होंने बताया कि मगध रेंज के पांचों जिले के इंस्पेक्टरों को वर्ष 2009 से अबतक रंगदारी (धारा 384, 385, 386 व 387), दंगाई (धारा 153 ए व 295 ए), छेड़खानी (धारा 354, 376 व 511), पुलिस को चुनौती देकर रोड जाम, अशांति, हमला कर विधि-व्यवस्था का भंग करने के मामलों के आरोपितों व बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार करनेवाले तत्वों के विरुद्ध पुलिस नियमावली 1315 व 1316 के अनुसार गुंडा रजिस्टर में अंकित करने को कहा गया है. डीआइजी ने कहा कि पांच साल में न्यायालय में उक्त कांडों के आरोपितों के विरुद्ध दाखिल हुए आरोप-पत्र के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को निरोधात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. इनके नाम गुंडा रजिस्टर में भी अंकित करने को कहा गया है.

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