यह भी सही है कि बिना निगम की मंजूरी के काम होना असंभव है. पर, इस मामले में हो रही अत्यधिक देरी से गया शहर के लोग हैरान हैं, हैरत में हैं.
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कमीशन के चक्कर में फंसा है मामला !
गया: पानी की किल्लत से परेशान शहर के लोगों को जब विगत जनवरी महीने में यह जानकारी मिली कि शहर के लिए 450 करोड़ रुपये का कोई वाटर प्रोजेक्ट बना है, तो उनमें कुछ उम्मीदें जगीं. पिछले कई वर्षो से पानी के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के लिए यह एक सुखद खबर थी, लेकिन […]
गया: पानी की किल्लत से परेशान शहर के लोगों को जब विगत जनवरी महीने में यह जानकारी मिली कि शहर के लिए 450 करोड़ रुपये का कोई वाटर प्रोजेक्ट बना है, तो उनमें कुछ उम्मीदें जगीं. पिछले कई वर्षो से पानी के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के लिए यह एक सुखद खबर थी, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी अब तक वाटर प्रोजेक्ट को नगर निगम बोर्ड से मंजूरी नहीं मिल सकी है.
कभी बैठकों का रद्द होना, तो कभी प्रोजेक्ट में तकनीकी खामियां होने की बात कह कर इसे टाला जाता रहा. हालांकि, जमीनी स्तर पर इस उम्मीद के साथ काम शुरू किया गया कि निगम बोर्ड जल्द ही वाटर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे देगा.
क्यों आगे नहीं बढ़ रहा वाटर प्रोजेक्ट : अब प्रस्तावित वाटर प्रोजेक्ट को लेकर शहर में एक नयी चर्चा शुरू हो गयी है. लोगों का कहना है कि प्रोजेक्ट कमीशन या फिर निजी स्वार्थ के कारण अटका पड़ा है. इनके मुताबिक, कुछ पार्षद इस प्रोजेक्ट को सिर्फ इसलिए टाल-टलवा रहे हैं कि इतनी बड़ी रकम में उनका हिस्सा तय नहीं हो पा रहा है. ढेर सारे लोग मानते हैंे कि ऐसे पार्षदों की भी कमी नहीं, जो खुद के फायदे की ही चिंता पहले करते हैं. कोई योजना-परियोजना शहरवासियों के लिए कितनी भी जरूरी क्यों न हो, जब तक इनका अपना हिसाब-किताब ठीक न हो जाये, काम आगे नहीं बढ़ने देते.
गुरुवार को बोर्ड की बैठक होनी है. वाटर प्रोजेक्ट को फिर से बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है. लोगों की नजर भी इस बैठक में होने वाले फैसले पर होगी. शहर के लोगों की नजर इस पर टिकी है कि नगर सरकार उनकी जरूरतों का ख्याल रखती है या एक बार फिर प्रोजेक्ट टल जाता है.
आज की बैठक पर होगी नजर
गुरुवार को बोर्ड की बैठक होनी है. वाटर प्रोजेक्ट को फिर से बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है. लोगों की नजर भी इस बैठक में होने वाले फैसले पर होगी. शहर के लोगों की नजर इस पर टिकी है कि नगर सरकार उनकी जरूरतों का ख्याल रखती है या एक बार फिर प्रोजेक्ट टल जाता है.
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