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घेरे में हैं कई इंस्पेक्टर

गया: डोभी थाने की पुलिस जीप पर हुए माओवादी हमले के बाद इंस्पेक्टरों की भूमिका पर पुलिस के वरीय अधिकारियों ने सवाल खड़े किये हैं. हमले के बाद सोमवार की देर रात घटनास्थल पर पहुंचे डीजीपी अभयानंद ने इंस्पेक्टरों के क्रियाकलाप पर पुलिस अधिकारियों से काफी देर तक विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि आखिर इंस्पेक्टर […]

गया: डोभी थाने की पुलिस जीप पर हुए माओवादी हमले के बाद इंस्पेक्टरों की भूमिका पर पुलिस के वरीय अधिकारियों ने सवाल खड़े किये हैं. हमले के बाद सोमवार की देर रात घटनास्थल पर पहुंचे डीजीपी अभयानंद ने इंस्पेक्टरों के क्रियाकलाप पर पुलिस अधिकारियों से काफी देर तक विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि आखिर इंस्पेक्टर क्या कर रहे हैं.

थानाध्यक्ष तो 24 घंटे व्यस्त हैं, लेकिन इंस्पेक्टर अपने अनुभवों से थानाध्यक्षों के क्रियाकलापों की मॉनीटरिंग क्यों नहीं कर रहे हैं. घटनास्थल से लौट कर डोभी थाने में घटना की समीक्षा के दौरान डीजीपी ने वहां मौजूद एडीजी (विधि-व्यवस्था) सुरेश भारद्वाज, आइजी (ऑपरेशन) अमित कुमार, जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े, मगध रेंज के डीआइजी बच्चू सिंह मीणा, एसएसपी निशांत कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारियों से इंस्पेक्टरों के क्रियाकलापों पर सवाल किये. सूत्रों के अनुसार, डोभी की पुलिस पर हमले के बाद मगध रेंज के डीआइजी ने जिले के सभी इंस्पेक्टरों से चार महीनों में उनके द्वारा किये कार्यो की सूची मांगी.

डोभी में दर्ज हुई प्राथमिकी
डोभी थाने की पुलिस जीप पर माओवादी हमले में दो सैप के जवान शहीद हो गये थे. दारोगा चिंताहरण सिंह, दो सैप के जवान व एक ड्राइवर माओवादियों की गोली से घायल हुए थे. इस घटना को लेकर दारोगा श्री सिंह ने 27 माओवादियों नामजद व 25 अज्ञात नक्सलियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी.

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