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आया कैरियर चुनने व विकल्प तलाशने का अवसर

गया: आसमान को छू लेने के सपने व कैरियर के बेस्ट ऑप्शन के साथ शनिवार को गया के बिसार तलाब स्थित गर्व रेसिडेंसी होटल में प्रभात खबर एजुकेशन सह कैरियर फेयर की शुरुआत हुई. फेयर का शुभारंभ मगध विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू सीता राम सिंह ने किया. इस दौरान काफी संख्या में स्टूडेंट्स ने फेयर में […]

गया: आसमान को छू लेने के सपने व कैरियर के बेस्ट ऑप्शन के साथ शनिवार को गया के बिसार तलाब स्थित गर्व रेसिडेंसी होटल में प्रभात खबर एजुकेशन सह कैरियर फेयर की शुरुआत हुई.

फेयर का शुभारंभ मगध विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू सीता राम सिंह ने किया. इस दौरान काफी संख्या में स्टूडेंट्स ने फेयर में पहुंच अपने कैरियर को लेकर जानकारियां इकट्ठा कीं. हर कॉलेज के आऊट लेट पर स्टूडेंट्स की अच्छी भीड़ देखने को मिली. मानों कैरियर के लिए लगा यह फेयर उनकी उड़ान को दम दे रहा हो. बच्चें के साथ उनके पेरेंट्स भी मौजूद थे. उन्हें भी बच्चों के कैरियर को लेकर पुख्ता जानकारियां चाहिए थे. पेरेंट्स भी विभिन्न कॉलेजों के प्रतिनिधियों से उनके कॉलेज के कोर्सेज व फैसेलिटी की जानकारियां इकट्ठा कर रहे थे.

फेयर के पहले दिन स्टूडेंट्स ने एडमिशन की प्रक्रिया कॉलेज फी, हॉस्टल व कैंपस आदि की जानकारी ली. अधिकतर स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के कोर्सेज जानकारी ले रहे थे. कुछ को पत्रकारिता, फिल्म व ऐनिमेशन की भी जानकारी लेनी थी. इस दौरान बच्चे कॉलेजों के कैंपस सेलेक्शन के बारे में भी जानकारियां लेते दिखे. इससे पहले फेयर का शुभारंभ करने पहुंचे डीएसडब्ल्यू श्री सिंह ने सभी कॉलेजों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की व उनके द्वारा ऑफर कोर्सेज के बारे में जानकारियां लीं. स्टूडेंट्स व उनके पैरेंट्स का ज्यादा जोर कॉलेजों के कैंपस सेलेक्शन व हॉस्टल फैसेलिटी पर था. कॉलेजों के प्रतिनिधियों द्वारा दी गयी जानकारी से स्टूडेंट्स व पैरेंट्स संतुष्ट नजर आये. उद्घाटन के दौरान मौके पर प्रभात खबर के गया यूनिट की मार्केटिंग टीम, पटना ब्रांड के विशाल कुमार व ललन सिंह मौजूद थे.

मगध के बच्चों के लिए सुनहरा अवसर
मगध क्षेत्र के बच्चों के लिए यह फेयर काफी अच्छा अवसर है. मगध अन्य क्षेत्रों से थोड़ा पीछे है. बच्चों को इसका लाभ उठाना चाहिए. समय के अनुसार पढ़ाई-लिखाई का दायारा बदल गया है. हमारे समय पढ़ाई-लिखाई का स्तर कुछ और ही था. अब बच्चे बदल गये हैं. माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की काउंसलिंग उनकी छोटी उम्र से ही करे, ताकि उनका कैरियर प्रभावी हो. शिक्षा सहजता का प्रतीक होता है. बदलते समय में शिक्षकों को भी बदलना होगा. आजकल के शिक्षक शिक्षा प्रेमी कम वेतन प्रेमी ज्यादा हैं. शिक्षक शब्द अपने आप में त्याग का प्रतीक है. ऐसे में शिक्षकों को भी बदलना होगा. सफलता का मूलमंत्र अनुशासन होता है. बच्चे जबतक अनुशासित नहीं होंगे, सफलता नहीं मिलेगी.
सीताराम सिंह, डीएसडब्ल्यू, एमयू

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