पहले से ही नक्सलियों के निशाने पर रहे गया के एसएसपी मनु महाराज ने जिस तरह उक्त घटना के बाद से माओवादियों के खिलाफ कांबिंग ऑपरेशन शुरू किया है, उसे धत्ता बताते हुए माओवादियों के पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने रविवार की रात ठीक उस समय वाहनों को फूंकना शुरू कर दिये, जब उनका दो दिनी बंदी का समय शुरू हो रहा था. पुलिस जब तक बंदी के लिए अलर्ट होती, तब तक नक्सली घटना को अंजाम देकर चलते बने. सूत्र बताते हैं कि चाल्हो पहाड़ी के अंदर पिछले दो दिनों से झारखंड व छत्तीसगढ़ से माओवादी संगठन के लड़ाकू पीएलजीए दस्ते के सदस्य जुटने लगे थे. घटना को अंजाम देने को लेकर उन्होंने प्लानिंग तैयार की. बाहर से आये नक्सली कमांडर ने आने-जाने के रास्ते व स्थल का निरीक्षण भी किया. लेकिन, पुलिस की खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी.
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माओवादियों के पीएलजीए दस्ते ने फूंके वाहन
गया: 17 मई को बाराचट्टी के सोनही-जमझोर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 15 लाख की इनामी झारखंड के चतरा जिले के पथलगढ़ा थाने के टुटकी गांव की रहनेवाली महिला माओवादी सरिता गंझू उर्फ उर्मिला के मारे जाने के बाद नक्सलियों ने पुलिस को सबक सिखाने की कसम खायी थी. पहले से ही नक्सलियों के निशाने पर […]
गया: 17 मई को बाराचट्टी के सोनही-जमझोर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 15 लाख की इनामी झारखंड के चतरा जिले के पथलगढ़ा थाने के टुटकी गांव की रहनेवाली महिला माओवादी सरिता गंझू उर्फ उर्मिला के मारे जाने के बाद नक्सलियों ने पुलिस को सबक सिखाने की कसम खायी थी.
नक्सलियों से निबटने की रणनीति बनी : नक्सली हमले के बाद सोमवार की दोपहर बाद घटनास्थल का मुआयना करने व नक्सलियों के विरुद्ध रणनीति तैयार करने आइजी (ऑपरेशन) सुशील मान सिंह खोपड़े व पटना जोन के आइजी कुंदन कृष्णन पटना से पुलिस बल के साथ पहुंचे. घटनास्थल का जायजा लेने के बाद दोनों आइजी ने एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी राकेश कुमार, एएसपी बलिराम चौधरी, बोधगया थाने की कमान संभाले प्रशिक्षु आइपीएस जेआर रेड्डी के साथ बैठक की. वरीय अधिकारियों ने नक्सलियों के खिलाफ कांबिंग ऑपरेशन को और तेज करने व गुरिल्ला छापेमारी मारने की नसीहत दी. गौरतलब है कि सुशील मान सिंह खोपड़े पूर्व में गया के एसपी भी रह चुके हैं. उन्हें यहां के चप्पे-चप्पे की जानकारी है. उन्होंने नक्सलियों से निबटने के लिए अधिकारियों को कई टिप्स भी दिये. शाम में दोनों आइजी पटना लौट गये. इसके बाद दूसरे जिले से कोबरा, सीआरपीएफ, एसटीएफ व बिहार पुलिस के और जवान गया भेजे गये हैं, जो रात भर नक्सलग्रस्त इलाके में छापेमारी कर रहे हैं. झारखंड पुलिस से भी मदद मांगी गयी है. बिहार-झारखंड की सीमा पर दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही है. इसमें औरंबागाद, नवादा, पलामू व चतरा जिले की पुलिस को लगाया गया है.
वाहनों को जलाने में महिला नक्सली भी शामिल
मुठभेड़ व कोंच इलाके से गिरफ्तार किये गये अपने साथी को लेकर नक्सली, पुलिस से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. भाकपा-माओवादी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सजीवन बैठा समेत अन्य सदस्यों के पकड़े जाने व पुलिस यातना देने को लेकर नक्सली गुस्से में हैं. माओवादियों की गुरिल्ला आर्मी में न सिर्फ ट्रेंड पुरुष जवान हैं, बल्कि महिला फौज भी है. एक ट्रक ड्राइवर ने इस बात की पुष्टि भी की है कि वाहनों के जलने के बाद हुई रोशनी में वरदीधारी लोगों में महिलाएं भी थीं. महिलाओं की भाषा झारखंड के आदिवासियों से मिलती-जुलती थी. नक्सली कोडवर्ड में बातें कर रहे थे. घटना को अंजाम देने के बाद कई टुकड़ियों में बंट कर नक्सली विभिन्न दिशाओं में अपने-अपने गंतव्य की ओर भाग निकले. जब तक ऑपरेशन चलता रहा, तब तक नक्सली पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखे थे.
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