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अब प्रवेश परीक्षा से पीजी में नामांकन की तैयारी

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) से स्नातकोत्तर (पीजी) करनेवाले छात्र-छात्राओं को अब नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा देनी पड़ सकती है. एमयू प्रशासन एक ऐसी ही परीक्षा लेने की तैयारी पर विचार कर रहा है. इसके लिए एमयू प्रशासन विषयों व सीटों की संख्या के हिसाब से संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने […]

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) से स्नातकोत्तर (पीजी) करनेवाले छात्र-छात्राओं को अब नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा देनी पड़ सकती है. एमयू प्रशासन एक ऐसी ही परीक्षा लेने की तैयारी पर विचार कर रहा है. इसके लिए एमयू प्रशासन विषयों व सीटों की संख्या के हिसाब से संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने व परीक्षा केंद्रों के चयन पर मंथन कर रहा. फिलहाल, एमयू प्रशासन ने पीजी में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा लेने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
एमयू सूत्रों के अनुसार, पूर्व में कुलपति प्रो एम इश्तियाक ने पीजी में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा लेने की इच्छा जाहिर की थी. इस संदर्भ में कुलपति ने एमयू के संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों व शिक्षकों से भी बातचीत की है. अब देखना है कि पीजी में नामांकन को लेकर एमयू प्रशासन अगले एक महीने में क्या फैसला लेता है. संभावना है जून में स्नातक पार्ट थ्री का रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद पीजी में नामांकन शुरू किया जायेगा.
मगध विश्वविद्यालय में पीजी के विभाग
डिपार्टमेंट ऑफ अपलायड इकोनॉमिक्स एंड कॉमर्स, डिपार्टमेंट ऑफ एआइ एंड एएस, डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ बुद्धिष्ट स्टडी, डिपार्टमेंट ऑफ केमेस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ इंगलिश, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स, डिपार्टमेंट ऑफ जियोग्राफी, डिपार्टमेंट ऑफ हिंदी, डिपार्टमेंट ऑफ हिस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ होम साइंस, डिपार्टमेंट ऑफ एलएसडब्ल्यू, डिपार्टमेंट ऑफ मैथेमेटिक्स, डिपार्टमेंट ऑफ मगही, डिपार्टमेंट ऑफ पाली एंड प्राकृत, डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, डिपार्टमेंट ऑफ पारसियन, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिपार्टमेंट ऑफ संस्कृत, डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ उर्दू, डिपार्टमेंट ऑफ वूमेन एजुकेशन व डिपार्टमेंट ऑफ जियोलॉजी.
सिंडिकेट व एकेडमिक काउंसिल से लेनी होगी मंजूरी
एमयू के डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष भी प्रवेश परीक्षा के जरिये ही छात्र-छात्राओं का नामांकन लेने पर बात हुई थी. लेकिन, कतिपय कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका था. कुलपति महोदय ने भी प्रवेश परीक्षा के जरिये नामांकन की इच्छा जतायी थी. डीएसडब्ल्यू ने भी कहा पीजी विभागों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए. इससे मेधावी छात्र-छात्राओं को अवसर मिल पायेगा. इसके लिए पहले एमयू के सिंडिकेट व एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृति लेनी होगी.
अभी स्नातक के अंक पर होता है नामांकन
वर्तमान में एमयू मुख्यालय व कॉलेजों में पीजी कोर्स में नामांकन के लिए स्नातक के प्राप्तांक को आधार माना जाता है. स्नातक के अंकों के आधार पर सीटों के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. इसमें आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाता है. ऐसी स्थिति में कई बार देखा जाता है कि किसी कारणवश स्नातक में कम अंक लानेवाले मेधावी छात्र-छात्राओं का पीजी में नामांकन नहीं हो पाता है. गौरतलब है कि एमयू मुख्यालय स्थित पीजी विभागों में हर वर्ष करीब चार हजार छात्र-छात्राओं नामांकन का होता है. पीजी विभागों में आर्ट्स में 100 से 120, साइंस में 50 से 60 व कॉमर्स में करीब 100 सीटें हैं.
परीक्षा से क्या होगा फायदा
एमयू के शिक्षकों की मानें तो, प्रवेश परीक्षा से पीजी में नामांकन होने पर अच्छे व मेधावी विद्यार्थियों का ही नामांकन हो पायेगा. ऐसे छात्र-छात्राएं नियमित रूप से क्लास भी करने आयेंगे और शिक्षकों को भी उन्हें पढ़ाने में दिलचस्पी बनी रहेगी. कई शिक्षकों ने बताया कि विज्ञान संकाय की कक्षाओं में होनेवाली पढ़ाई को सिर्फ 30 प्रतिशत विद्यार्थी ही अनुकरण कर पाते हैं. इससे छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों में भी निराशा व हताशा के भाव पैदा हो जाते हैं. वहीं, मेधावी छात्र-छात्राओं का उच्च शिक्षा में प्रवेश नहीं होने पर अच्छे शोधार्थियों की भी कमी हो जाती है.

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