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प्राचार्यो को बीबी लाल कमेटी ने भी ठहराया था दोषी
गया : एमयू के पूर्व कुलपति डॉ अरुण कुमार के कार्यकाल में 2013 में हुई प्राचार्यो की नियुक्ति की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रही है. गुरुवार को टीम ने इन प्राचार्यो के इंटरव्यू से जुड़े कागजात एमयू प्रशासन से हासिल किये हैं. टीम ने कागजात व साक्ष्य के आधार पर पता लगाया है कि […]
गया : एमयू के पूर्व कुलपति डॉ अरुण कुमार के कार्यकाल में 2013 में हुई प्राचार्यो की नियुक्ति की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रही है. गुरुवार को टीम ने इन प्राचार्यो के इंटरव्यू से जुड़े कागजात एमयू प्रशासन से हासिल किये हैं.
टीम ने कागजात व साक्ष्य के आधार पर पता लगाया है कि प्राचार्यो की नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है. अब इन सबूतों के आधार पर जल्द ही दोषियों के खिलाफ एफआइआर हो सकती है. इससे पहले भी इस घोटाले की जांच के लिए बीबी लाल कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी की रिपोर्ट नवंबर 2013 में राजभवन को सौंप दी गयी थी.
इसमें मगध विवि के पूर्व रजिस्ट्रार डीके यादव व तत्कालीन मीटिंग ऑफिसर शमशुल इसलाम समेत अन्य तीन-चार पदाधिकारियों समेत गलत तरीके से नियुक्त हुए सभी 12 प्राचार्यो को दोषी ठहराया गया था. इस रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन राज्यपाल ने मगध विवि से दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी.
कुछ पर कार्रवाई की खानापूर्ति भी हुई. इसके बाद यह मामला हाइकोर्ट में चला गया. कोर्ट ने पूरे मामले की जांच फिर से निगरानी से करा कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था.
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