गया: अखिल भारतीय विद्वत परिषद की बैठक सोमवार को पुरानी गोदाम स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुई. इसकी अध्यक्षता आचार्य मधुसूदन पाठक ने की. परिषद के कोषाध्यक्ष विद्याधर उपाध्याय के त्यागपत्र से रिक्त पद पर सर्वसम्मत से किशोरी मोहन पांडेय को कोषाध्यक्ष के रूप में चुना गया. गया में श्रद्ध कराने वाले विद्वानों व तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए वेदियों के मुख्य मार्ग में साइन बोर्ड लगाने की मांग जिला प्रशासन से करने का निर्णय लिया गया. वेदियों के आसपास भवन निर्माण हो जाने से वहां तक पहुंचने का रास्ता संकीर्ण हो गया है. उन्होंने कहा है कि मरकडेय महादेव से दक्षिण व माड़नपुर तीन मुहानी से उत्तर मुख्य सड़क पर ही ब्रह्नावेदी है.
इस वेदी के दर्शन मात्र से ही पितरों को मोक्ष प्राप्त हो जाती है. यहां पर पितृतारक ब्रह्ना हैं. बाइपास चौराहे से पश्चिम मुख्य सड़क पर दक्षिण दिशा में कोटिश महादेव हैं. यहीं पर कोटिश नामक तालाब भी है. यहां नमस्कार मात्र से ही पितर तर जाते हैं. इससे पश्चिम जाकर दक्षिण दिशा में मधुसूदन नाम विष्णु विराजमान हैं.
यहीं पर मधुश्रवा नामक जलस्त्रोत भी है. यहां मधु नामक राक्षस को तारने वाले व दर्शन मात्र से पितरों को तारने वाले विष्णु हैं. यह अत्यंत प्राचीन हैं. मंगलागौरी से इशान कोण में भस्मकुट पर्वत पर ही पुण्डीकाक्ष नामक विष्णु भगवान विराजमान हैं. यहां भीष्मकुंड है. पुंडरीकाक्ष भगवान विष्णु का नमस्कार यहां बायां घुटना मोड़कर पांडु पुत्र भीमसेन ने किया था. पत्थर पर भीमसेन के बांयें घुटने का चिह्न् अब तक दिखाई पड़ता है. इस बैठक में आचार्य लाल भूषण मिश्र याज्ञिक, आचार्य रामावतार शर्मा, आचार्य मुंद्रिका मिश्र, आचार्य जनार्दन मिश्र, डा सुरेश पाठक, विद्याधर उपाध्याय, आचार्य राघवेंद्र मिश्र, नवीन चंद्र मिश्र वैदिक, आचार्य अशोक मिश्र, ब्रजभूषण शास्त्री, अशोक कुमार उपाध्याय, आचार्य अखिलेश मिश्र, सुरेंद्र पांडेय, रामचंद्र उपाध्याय, राकेश कुमार पांडेय, आचार्य रवि शंकर पाठक आदि उपस्थित थे.