गया: खिजरसराय उपप्रमुख पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव में गलत फैसला देने पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम बाला मुरुगन डी ने बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन अब तक इसका जवाब नहीं दिया गया. जानकारी के अनुसार, खिजरसराय उपप्रमुख के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले 19 जुलाई को वोटिंग हुई थी. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत पड़े थे, जबकि पंचायत समिति के निर्वाचित सदस्यों की संख्या 22 है. इस आधार पर बहुमत के लिए 12 मत चाहिए था. इसके बावजूद 11 मत पानेवाले को विजयी घोषित कर दिया गया था.
डीएम ने बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 की धारा 44(3) (1) के प्रावधान के अनुसार प्रमुख या उप प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव उक्त पंचायत समिति के कुल निर्वाचित सदस्यों के बहुमत से पारित किये जाने का प्रावधान है न कि बैठक में उपस्थित मतदान करनेवाले सदस्यों के बहुमत से. उन्होंने कहा कि खिजरसराय पंचायत समिति के उप प्रमुख के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव नियमानुसार प्रतीत नहीं होता है व इस पद को रिक्त नहीं माना जा सकता.
डीएम ने बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा (3) (1) की अनदेखी करते हुए गलत प्रस्ताव पारित कर अनावश्यक मामले को विवादित कर दिया गया है. क्यों नहीं आपके विरुद्ध कार्रवाई के लिए राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार व पंचायती राज विभाग को लिख दिया जाये. बीडीओ से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा गया था. बार-बार कहने पर भी जवाब नहीं मिलने पर डीएम ने नाराजगी जतायी है.