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…जब रसोइया बन जाती है शिक्षिका
डुमरिया : नारायणपुर पंचायत के कोयरीडीह प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बदहाल है. स्कूल में न तो चहारदीवारी है और नहीं पर्याप्त शिक्षक. शौचालय का भी अभाव है. एक मात्र हेडमास्टर के सहारे स्कूल की गाड़ी खींची जा रही है. स्थिति तो यह है कि रसोइये बच्चों को पढ़ा रहे हैं. नाले के रास्ते में बने […]
डुमरिया : नारायणपुर पंचायत के कोयरीडीह प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बदहाल है. स्कूल में न तो चहारदीवारी है और नहीं पर्याप्त शिक्षक. शौचालय का भी अभाव है. एक मात्र हेडमास्टर के सहारे स्कूल की गाड़ी खींची जा रही है. स्थिति तो यह है कि रसोइये बच्चों को पढ़ा रहे हैं. नाले के रास्ते में बने स्कूल में बरसात के दिनों में पानी भर जाता है.
प्रभारी हेडमास्टर की मानें, तो फिलहाल विद्यालय में 153 छात्र-छात्रएं हैं और शिक्षिका एक. वह अकेले इन बच्चों का भविष्य संवार रही हैं. इस कारण सही तरीके से पढ़ाई-लिखाई नहीं हो रही है. काफी परेशानी हो रही है.
यदि विद्यालय के कार्य से उन्हें सीआरसी व बीआरसी जाना होता है, तो विद्यालय बंद कर देना पड़ता है या फिर रसोइयों द्वारा बच्चे को किसी तरह पढ़ाया जाता है. चार कमरों वाले प्राथमिक विद्यालय में चहारदीवारी नहीं है. मध्याह्न् भोजन के बाद बच्चे स्कूल में नहीं ठहरते हैं. शौचालय भी पर्याप्त मात्र में नहीं हैं.
मात्र एक शौचालय है. नाले के रास्ते में विद्यालय भवन का निर्माण किया गया है. बरसात के दिनों में विद्यालय परिसर में पानी भर जाता है, जिससे पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होता है.
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