लोगों ने यह भी कहा था कि निजी स्कूलों द्वारा रि-एडमिशन के नाम पर भी बड़ी रकम वसूली जा रही है. डीएम ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर होता है. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के पठन-पाठन पर ध्यान देना है. उन्हें अच्छा इनसान बनाना है. विद्यालय प्रबंधन व अभिभावकों में मधुर रिश्ता हो, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए. निजी स्कूल प्रबंधक भी बच्चों की पढ़ाई व उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें.
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फीस वृद्धि पर प्रशासन गंभीर
गया: निजी स्कूलों द्वारा मनमाना फीस लिये जाने के मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अब मनमाना फीस वृद्धि पर लगाम लगाने की तैयारी हो रही है. गुरुवार को डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने एक सप्ताह के अंदर निजी स्कूलों को पिछले चार वर्षो के फीस की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा […]
गया: निजी स्कूलों द्वारा मनमाना फीस लिये जाने के मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अब मनमाना फीस वृद्धि पर लगाम लगाने की तैयारी हो रही है. गुरुवार को डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने एक सप्ताह के अंदर निजी स्कूलों को पिछले चार वर्षो के फीस की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है. गौरतलब है कि अगले माह निजी स्कूलों के प्रबंधकों के साथ जिला प्रशासन की बैठक होगी. इसमें डीएम द्वारा पूर्व में स्कूलों की सुरक्षा से संबंधित दिये गये निर्देश समेत अन्य बिंदुओं की समीक्षा की जायेगी.
डीएम ने निर्देश है दिया कि अगली बैठक में निजी स्कूलों के प्रबंधक बिंदुवार रिपोर्ट के साथ आयेंगे. एक सप्ताह में जिन स्कूलों से फीस की सूची नहीं मिलेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. डीएम ने कहा कि जनता दरबार में भी कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों में मनमाना फीस वृद्धि की शिकायत की थी.
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