यह ऐसे लोगों के घरों में ज्यादा हो रहा है, जिनके घरों में नये मीटर लगाये गये हैं. शहर के कई संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. मामले को तूल पकड़ता देख कंपनी ने नये मीटर वाले घरों से अर्थिग हटाने की अपील की है. कंपनी के अनुसार, नये लगाये जा रहे मीटर में निगेटिव व पॉजिटिव दोनों कनेक्शन दिये जा रहे हैं, ऐसे में बाहरी अर्थिग की कोई जरूरत ही नहीं है.
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अर्थिग हटा कर रोकें मीटर की रफ्तार
गया: अगर किसी के घर में लगे मीटर में गड़बड़ी या रीडिंग में तेजी की शिकायत है, तो सबसे पहले उन्हें घर में लगे अर्थिग तार को हटा लेना चाहिए. इंडिया पावर कॉरपोरेशन के अनुसार, मीटर में गड़बड़ी का सबसे बड़ा कारण घरों में लगी अर्थिग है. कंपनी ने शहर में लगे बिजली के खंभों […]
गया: अगर किसी के घर में लगे मीटर में गड़बड़ी या रीडिंग में तेजी की शिकायत है, तो सबसे पहले उन्हें घर में लगे अर्थिग तार को हटा लेना चाहिए. इंडिया पावर कॉरपोरेशन के अनुसार, मीटर में गड़बड़ी का सबसे बड़ा कारण घरों में लगी अर्थिग है. कंपनी ने शहर में लगे बिजली के खंभों व ट्रांसफॉर्मर में पहले से ही अर्थिग लगाया है. कंपनी के विशेषज्ञों की माने तो डबल अर्थिग होने से ही मीटर में तेजी का मामला सामने आ रहा है. उल्लेखनीय है कि शहर के कई लोग घरों के बाहर लगाये जा रहे मीटर की रीडिंग तेज होने की शिकायत कर रहे हैं.
रेगुलेटरी कमीशन के आदेश पर बदले जा रहे मीटर : इंडिया पावर द्वारा शहर में मीटर बदलने का काम तेजी से चल रहा है. साथ ही, नये मीटरों को घर के बाहर लगाये जा रहे हैं. इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथोरिटी व बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के आदेश पर ही किया जा रहा है. इसके अलावा कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है. जनहित याचिका 4789/2007 की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी इलेक्ट्रोमैकेनिकल मीटर को हटा कर इलेक्ट्रॉनिक मीटर करने का आदेश दिया है. घर के बाहर मीटर लगाने के पीछे कंपनी का कहना है कि ऐसा इसीलिए किया जा रहा है, ताकि घरों में किसी के नहीं होने पर भी रीडिंग ली जा सके. मीटर बेहतर कंपनी के होने के कारण इसके नुकसान नहीं होने की पूरी गारंटी है.
कंपनी ने की है कई मीटरों की जांच : कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हाल के दिनों में शिकायत वाले लगभग 22 मीटरों की जांच की गयी है. इसमें मीटर पूरी तरह से ठीक पाया गया. कंपनी का दावा है कि मीटर में किसी भी तरह से कोई गड़बड़ी नहीं है. घरों में तकनीकी खामियों की वजह से ही मीटर की रीडिंग तेज हो रही है. अधिकारियों के अनुसार, रामपुर इलाके के कुछ मुहल्लों में ऐसी शिकायत मिली थी, वहां के मीटरों की जांच करायी गयी. तकनीकी विशेषज्ञों ने मीटरों को सही बताया.
नगर विकास परिषद ने जताया है विरोध
नगर विकास परिषद ने बिजली सप्लाइ के कई मुद्दों को लेकर सोमवार को सर्किल ऑफिस के सामने धरना दिया. संगठन के सदस्यों ने घरों के बाहर मीटर लगाने व उसकी गति को तेज करने का आरोप लगाया है. सदस्यों ने कहा कि इंडिया पावर द्वारा गलत बिलिंग व रीडिंग कर लोगों को परेशान किया जा रहा है. सदस्यों ने इन सभी समस्याओं को शीघ्र सुधारने की मांग की है. धरना देनेवालों में परिषद के अध्यक्ष मसूद मंजर, महासचिव रामकुमार यादव, उपाध्यक्ष अजरुन सिंह यादव, जदयू नेता राम लखन स्वर्णकार, कल्लू प्रसाद आर्य, अरविंद कुमार वर्मा, अमरनाथ धोकड़ी, गया बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामजी प्रसाद समेत कई अन्य शामिल थे.
विभागीय आदेशों के अनुसार ही शहर में मीटर बदलने का काम हो रहा है. पहले के मीटर में छेड़छाड़ होने की वजह से उसकी रीडिंग कम आती थी, अब ऐसा कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में खपत के अनुसार ही बिजली के बिल आ रहे हैं. जहां नये मीटर लग रहे हैं, वहां से अर्थिग हटाना होगा.
राकेश रंजन, एजीएम इंडिया पावर
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