जानकारी के मुताबिक, अब तक दो कंपनियों के आवेदन भी आ भी चुके हैं. इनमें एक हैदराबाद की कंपनी है, तो दूसरी पटना की. इनके आवेदनों की जांच के बाद ही निगम किसी निर्णय पर पहुंचेगा. उल्लेखनीय है कि शहर से हर रोज 200 से 250 टन कचरा निकलता है. निगम इन्हें नैली डंपिंग ग्राउंड में गिराता है. निगम कचरों से वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर खाद व बिजली पैदा करना चाहता है.
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कचरे से बनेगी खाद व बिजली
गया: शहर के कचरे से अब लोगों के घर रोशन होंगे, साथ ही किसानों की फसल भी लहलहायेगी. नगर निगम कचरे से खाद व बिजली पैदा करने की तैयारी कर रहा है. नैली स्थित डंपिंग ग्राउंड में वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर काम चल रहा है. इसके लिए निगम ने फरवरी में टेंडर निकाला था. […]
गया: शहर के कचरे से अब लोगों के घर रोशन होंगे, साथ ही किसानों की फसल भी लहलहायेगी. नगर निगम कचरे से खाद व बिजली पैदा करने की तैयारी कर रहा है. नैली स्थित डंपिंग ग्राउंड में वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर काम चल रहा है. इसके लिए निगम ने फरवरी में टेंडर निकाला था.
एक माह तक कचरे का होगा विश्लेषण
जानकारी के अनुसार, कचरे से वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से खाद व बिजली तैयार की जायेंगी. चयनित एजेंसी पहले एक माह तक शहर से निकलनेवाले कचरे का विश्लेषण करेगी. सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि शहर से निकलनेवाले कचरे में औसतन 60 प्रतिशत जैविक व 40 प्रतिशत अजैविक होता है. वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में 60 प्रतिशत जैविक कचरों से ही खाद तैयार की जाती है, जबकि उससे बायो गैस तैयार कर बिजली का उत्पादन किया जाता है. शेष 40 प्रतिशत अजैविक कचरों को केमिकल से नष्ट कर दिया जाता है. इसके अलावा प्लास्टिक्स को रिसाइकल के लिए भेज दिया जाता है. इस पूरे प्रोजेक्ट में 25 से 30 लाख रुपये का खर्च आता है.
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