गया : आये दिन राज्य सरकार व राज्य की बिजली कंपनी आपूर्ति में गुणात्मक सुधार करने की घोषणाएं करती आ रही है, लेकिन गया में स्थिति सुधरने की बजाय दिन–प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. यह समस्या बिजली अधिकारियों की लापरवाही के कारण के कारण बनी है, न कि बिजली की कमी के कारण.
मेंटेनेंस के नाम पर बगैर सूचना के दिन–दिन भर बिजली काट दी जाती है और संबंधित अधिकारी मोबाइल बंद कर लेते हैं. इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने जिम्मेवार हैं अधिकारी?
रविवार को शहर के अधिकांश इलाकों में दोपहर से देर रात तक बिजली ठप रही. इस दौरान उपभोक्ता दिन भर संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन प्राय: सभी संबंधित अधिकारियों के मोबाइल बंद पाये गये. जानकारी के अनुसार, मेंटेनेंस को लेकर रविवार को शहर के गांधी मैदान, पंचायती अखाड़ा, एपी कॉलोनी व रेलवे मैदान सब स्टेशन के 33 केवीए लाइन को दोपहर से देर रात तक बंद रखी गयी, लेकिन इसकी सूचना किसी भी माध्यम से उपभोक्ताओं को नहीं दी गयी.
परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को पीने के पानी के भी लाले पड़ गये. अधिकतर घरों में शाम का भोजन बनाने के लिए भी आसपास के सार्वजनिक चापाकलों का सहारा लेना पड़ा.
गया सर्किल के विद्युत अधीक्षण अभियंता रंजीत कुमार ने मेंटेनेंस की पुष्टि करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों के मोबाइल बैटरी डिस्चाज्र्ड हो जाने के कारण बंद हैं. कई अधिकारियों के एक साथ मोबाइल बंद होना सवाल पैदा करता है. इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है. उन्होंने आपूर्ति शुरू होने के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा. समाचार लिखे जाने तक शहर में आपूर्ति बाधित थी.