आमस: बरसात के पानी को संचित कर सैकड़ों एकड़ भूमि को सिंचित करने के उद्देश्य से बनाया जा रहा आमस प्रखंड क्षेत्र में स्थित सोनदाहा डैम 27 वर्षो से अधूरा पड़ा है. इससे आमस व गुरुआ प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों में काफी मायूसी छायी है. जानकारी के अनुसार, लघु सिंचाई योजना प्रमंडल गया द्वारा 70 लाख रुपये की लागत से बनाये जाने वाले इस डैम का निर्माण कार्य वर्ष 1985-86 में शुरू हुआ था. निर्माण कार्य के शुरू होते ही आमस प्रखंड के बहेरा, झरी, आमस, गंगटी, सिमरी, सिमरेहट, कुंडिल, तीनकोणी व गुरुआ प्रखंड के करताही, काज, नदौरा, नदौरी, बनिया, बहेरी, सरैयटांड आदि गांवों के ग्रामीणों में काफी खुशी थी. डैम का निर्माण होता देख ग्रामीणों में एक उम्मीद जगी थी.
डैम का 50 प्रतिशत कार्य पूरा भी कर लिया गया है. लेकिन, शेष कार्य के अधूरा रह जाने के कारण डैम में वर्षा का पानी संचय नहीं हो पा रहा है. विभिन्न नाले व नदियों का पानी इसमें संचय हो सके, इसके लिए इसी योजना के तहत 68 लाख रुपये की लागत से सर्वहना नदी पर पक्का बांध बनाने का कार्य भी अधूरा है.
बांध बनाये जाने के लिए पाये खड़े कर लिये गये हैं. ढलाई का काम बाकी रह गया है. स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि यदि इस डैम का निर्माण कर लिया जाये तो प्रखंड के किसानों को अपने खेतों में फसल उपजाने के लिए वर्षा पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. वे भी अन्य नहरी क्षेत्रों की तरह फसलों की अच्छी उपज कर सकेंगे. नीतीश की सुशासनवाली सरकार से प्रखंडवासियों को विशेष आस है. उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस सरकार की नजर इस ओर जरूर जायेगी. हालांकि, सरकार के करीब साढ़े छह साल गुजरने के बावजूद इस ओर अब तक ध्यान नहीं होने से एक बार फिर से उनमें निराशा हुई है.