गया: मगध विश्वविद्यालय के नव नियुक्त 12 प्रधानाचार्यो का क्या होगा भविष्य ? यह चर्चा का विषय बना हुआ है. अब तक नव नियुक्त प्रधानाचार्यो को प्रतिनियुक्त भी नहीं किया गया है. इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं. कुलाधिपति डॉ डीवाइ पाटिल से शिकायत करने के बाद इस मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. जांच की जिम्मेवारी अवकाश प्राप्त प्रशासनिक पदाधिकारी बीबी लाल को दी गयी है.
इन प्रधानाचार्यो की नियुक्ति के लिए 19 दिसंबर, 2012 से साक्षात्कार शुरू होना था, लेकिन इस बीच तत्कालीन कुलपति डॉ अरुण कुमार की नियुक्ति ही रद्द कर दी गयी. इस कारण साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया, लेकिन तत्कालीन कुलाधिपति देवानंद कुंवर द्वारा डॉ कुमार को पुन: कार्यकारी कुलपति बना दिया गया.
प्रभार में आने के बाद फिर 21 दिसंबर से साक्षात्कार शुरू किया गया, जो 26 दिसंबर को समाप्त हुआ था. दूसरी बार कुलपतियों की नियुक्ति हुई, तो उसमें डॉ अरुण कुमार पुन: मगध विवि का कुलपति बनाये गये. इसके बाद इन प्रधानाचार्यो का योगदान करा लिया गया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय से कुलपतियों की नियुक्ति पुन: रद्द कर दी गयी है. इस कारण नव नियुक्त प्रधानाचार्यो का पदस्थापन नहीं हो सका. इस बीच, जांच भी शुरू कर दी गयी है. इसकी पुष्टि कुलपति डॉ नंदजी कुमार व कुलसचिव डॉ डीके यादव ने की है.