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सीआरपीएफ कमांडेंट पर हमले में चांदचौरा के रिंकू की तलाश

गया: सीआरपीएफ कमांडेंट धीरज कुमार पर गोली चलाने के मामले में हथियार सप्लायरों के एक गिरोह के सरगना रिंकू की तलाश में पुलिस टीम जुट गयी है. विष्णुपद थाना इलाके में चांद-चौरा के रहनेवाले रिंकू की गिरफ्तारी को लिए पुलिस ने बुधवार को ही कई ठिकानों पर छापेमारी की, पर वह हाथ नहीं लगा. उधर, […]

गया: सीआरपीएफ कमांडेंट धीरज कुमार पर गोली चलाने के मामले में हथियार सप्लायरों के एक गिरोह के सरगना रिंकू की तलाश में पुलिस टीम जुट गयी है. विष्णुपद थाना इलाके में चांद-चौरा के रहनेवाले रिंकू की गिरफ्तारी को लिए पुलिस ने बुधवार को ही कई ठिकानों पर छापेमारी की, पर वह हाथ नहीं लगा. उधर, पुलिस उसका आपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है. सूचना है कि रिंकू के गिरोह के कुछ सदस्य सेंट्रल जेल बंद हैं.

पुलिस इस पर भी विचार कर रही है कि जेल में बंद रिंकू के साथियों से कैसे जानकारियां हासिल की जायें. पुलिस सूत्रों के अनुसार, कमांडेंट पर गोली चलाने के बाद पकड़े गये रिंकू के रिश्तेदार रोशन ने हथियारों सप्लाइ संबंधी कई बातें बतायी हैं. एसएसपी पी कन्नन ने अपनी गोपनीय शाखा में पोस्टेड टेक्निकल सेल के पुलिस पदाधिकारियों को भी रिंकू व उसके साथियों के लोकेशन का पता लगाने का टास्क दिया है.

हमलावर, जो धरे गये : कमांडेंट को गोली मारने के बाद सीआरपीएफ जवानों ने घटनास्थल से जिन चार युवकों को पकड़ा था, उनमें युवक निदरेष निकाला. वह अपने रिश्तेदार को परीक्षा दिलाने आया था. सिविल लाइंस इंस्पेक्टर नीहार भूषण ने बताया कि पुलिस की गिरफ्त में आये युवकों में चांद-चौरा के किसी अवधेश सिंह का बेटा सोनू कुमार, गायत्री घाट के अखिलेश सिंह का बेटा रोशन कुमार और रामपुर थाने के गेवाल बिगहा-पइन पर मुहल्ले के विनोद कुमार का बेटा प्रमोद कुमार शामिल है. इनके पास से चार हथियारों के साथ एक हीरो होंडा पैशन प्रो मोटरसाइकिल के अतिरिक्त पांच मोबाइल फोन व प्वाइंट टू बोर के तीन कारतूस, दो खोखे और एक पिलेट (फायरिंग पर बंदूक से निकलनेवाली गोली का अगला हिस्सा) भी बरामद किया गया है. इस मामले में सब इंस्पेक्टर अशोक चौधरी के बयान पर एफआइआर दर्ज कर ली गयी है.
सामने से हुआ तीसरा हमला
कमांडेंट धीरज कुमार पर हुई गोलीबारी की जानकारी होते ही एएसपी (नक्सल) मनोज कुमार यादव, सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट संजीव शर्मा, डीआइजी (सीआरपीएफ) के अधिकारी पंकज कुमार सिंह बुधवार की रात सीआरपीएफ कैंप पहुंचे और उनका हालचाल जाना. कमांडेंट ने बुधवार की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि सामने से उन पर हुआ यह तीसरा हमला था. कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान आतंकवादियों ने भी सीधे उन पर गोली चलायी थी. लेकिन, वह बच गये थे. उन्होंने बताया कि सिलचर में भी पोस्टिंग के दौरान उन पर गोली चली थी. लेकिन, तब भी वह बच निकले थे.
सीआरपीएफ की 159वीं बटालियन के कमांडेंट आमतौर पर बुलेटप्रूफ जैकेट का का प्रयोग नहीं करते थे. बुधवार को वह जब हथियारों के सप्लायरों को पकड़ने चले, तो गाड़ी में बैठ जाने के बाद उन्होंने महसूस किया कि माओवादियों को हथियार सप्लाइ करनेवाले गिरोह से उन्हें खतरा भी हो सकता है. उन्होंने अपने ड्राइवर हरिशंकर यादव को बुलेटप्रूफ (बीपी) जैकेट लाने को कहा. इसी बीच उन्होंने अपनी गाड़ी में रखे जा रहे अत्याधुनिक हथियारों का भी मुआयना किया और एके-47 अपनी सीट के पास ही रख लिया. जैकेट पहन कर कमांडेंट अपने कैंप से निकले. संयोग अच्छा था. एक हमलावर ने कमांडेंट को काफी नजदीक से सीने में गोली मारी थी. लेकिन, वह गोली शक्तिशाली बीपी जैकेट को भेद नहीं सकी. गोली की तीव्रता इतनी अधिक थी कि वह बीपी जैकेट को क्षतिग्रस्त कर दी और गोली का पिलेट पिघल कर कोट के बटन जैसा हो गया.
मोबाइल से हो सकता है सप्लायरों का खुलासा
घटनास्थल से पकड़ाये हथियार सप्लायरों के पास से बरामद मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स निकालने में टेक्निकल सेल की टीम जुट गयी है. पुलिस को उम्मीद है कि इससे सप्लायरों के गिरोह का खुलासा हो जायेगा. यह जानकारी भी मिल सकती है कि गया में कहां-कहां से हथियार आते हैं और अब तक किन-किन नक्सलियों व अपराधियों को हथियार दिये गये हैं.
शहर में बढ़ायी गयी सुरक्षा
शहर में दिनदहाड़े कमांडेंट पर गोली चलाने जाने की घटना के बाद सिटी एसपी राकेश कुमार की पहल पर शहर में पुलिस चौकसी नये सिरे से बढ़ा दी गयी है. शहर व आसपास के चौक-चौराहे पर पुलिस बलों की तैनाती कर सजग-सावधान रहने का निर्देश दिया गया है. मोटरसाइकिलों की चेकिंग भी बढ़ा दी गयी है.

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