गया: हर काम में लापरवाही के लिए मशहूर गया नगर निगम अचानक गंभीर हो गया है. निगम की यह गंभीरता सूबे के विभिन्न इलाकों में चापाकल में जहर डालने की घटनाओं को लेकर है. इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए उसने अब पानी पर पहरा लगाने की ठानी है. शनिवार को निगम स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में शहर के सभी वाटर स्टोरेज सेंटरों पर पुलिस बल की तैनाती करने का प्रस्ताव पास हुआ.
कमेटी ने शहरी क्षेत्र के सभी वाटर स्टोरेज सेंटरों पर पुलिस बल के माध्यम से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आयुक्त, डीआइजी, डीएम व एसएसपी को पत्र भेजने का निर्णय लिया है. इस दौरान सेंटरों पर अस्थायी तौर ऑपरेटरों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी पास कर दिया गया. बैठक के दौरान मैनहोल कवर निर्माण, पितृपक्ष के दौरान जलापूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त रखने को लेकर भी चर्चा की गयी. पिछली बैठक की कार्यवाही पुस्तिका को लेकर छिड़ा विवाद भी खत्म हो गया.
मेयर ने नगर आयुक्त द्वारा तैयार की गयी कार्यवाही पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी दे दी. बैठक में मेयर विभा देवी, डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव, नगर आयुक्त धनेश्वर चौधरी, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य विनोद मंडल, संतोष सिंह, भीम यादव, लालजी प्रसाद व निगम केअधिकारी मौजूद थे.
नाराज दिखे कार्यपालक अभियंता
निगम जल पर्षद के कार्यपालक अभियंता बैठक में कुछ नाराज नाराज से दिखे. उन्होंने निगम के अधिकारियों पर सहयोग न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले कई पितृपक्ष से वह अकेले ही पानी की व्यवस्था संभाल रहे हैं. विभाग के अधिकारी उनका सहयोग नहीं करते. इसे मेयर, डिप्टी मेयर व नगर आयुक्त ने भी गंभीरता से लिया. उन्हें कार्य में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया.