गया. गेवाल बिगहा मुहल्ला स्थित अस्ताना आलिया, सेराजिया खानकाह में हजरत मौलाना शाह सेराजुल होदा का वार्षिक उर्स मंगलवार को समाप्त हुआ. खानकाह के संयोजक हजरत मौलाना नइमुल होदा की अध्यक्षता में यह उर्स मनाया गया. सोमवार को कुरआन-ए-खान से उर्स की शुरुआत हुई.
नमाज के बाद खानकाह के सज्जादा नशी हजरत मौलाना नइमुल होदा ने मोहम्मद सल्लाहो अलैह वसल्लम का मुए मुबारक की जियारत की. शाम को मजार पर चादरपोशी की गयी. रात में जलसा शुरू हुआ, जो सुबह चार बजे तक चला. जलसे में विभिन्न राज्यों के मौलाना, अकीदतमंद व कवियों ने हिस्सा लिया.
इस मौके पर सज्जादा नशी मोहम्मद होदा ने कहा कि अकीदतमंद यहां से यह संदेश लेकर जाएं कि बुराइयों को खत्म कर स्वस्थ व सुंदर समाज बनायेंगे, जहां सिर्फ अच्छाइयों का बोलबाला हो. उन्होंने कहा इसलाम अमन पसंद धर्म है. यह दूसरों को नुकसान पहुंचाने की हरगिज इजाजत नहीं देता. उन्होंने मजार पर आये सभी धर्मो के श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया. इस मौके पर मदरसा एनुल उलूम से पढ़कर हाफिज व कारी बनने वाले 11 छात्रों को प्रमाणपत्र भी दिये गये. इसलामिक यूनिवर्सिटी अल जमीयतुल अशरफिया के अध्यक्ष हजरत मौलाना अब्दुल हाफिज साहब ने जलसे में अपना वक्तव्य दिया. इस मौके पर मुहम्मदुल होदा, मौलाना गुलाम रब्बानी, मौलाना तनवीरुल होदा व फहीमुल होदा आदि उपस्थित थे.