गया: विगत 24 फरवरी को डुमरिया थाने के सलैया-ठकठकवा मोड़ के पास भाकपा-माओवादी संगठन द्वारा लगाये बारूदी सुरंग से कोबरा बटालियन की मिनी बस पर हमला करने के मामले में जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध प्राथमिकी (डुमरिया थाना कांड संख्या-12/15) दर्ज करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. सोमवार को जिला पर्षद उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद […]
गया: विगत 24 फरवरी को डुमरिया थाने के सलैया-ठकठकवा मोड़ के पास भाकपा-माओवादी संगठन द्वारा लगाये बारूदी सुरंग से कोबरा बटालियन की मिनी बस पर हमला करने के मामले में जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध प्राथमिकी (डुमरिया थाना कांड संख्या-12/15) दर्ज करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है.
सोमवार को जिला पर्षद उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद यादव के नेतृत्व में कई जिला पार्षद सदस्य एसएसपी कार्यालय पहुंचे और जनप्रतिनिधियों को न्याय दिलाने से संबंधित एक आवेदन उनके कार्यालय में सौंपा. उपाध्यक्ष ने बताया एसएसपी पी कन्नन पटना हाइकोर्ट गये हुए थे.
सिटी एसपी राकेश कुमार डीएम संजय कुमार अग्रवाल के साथ समाहरणालय में मीटिंग कर रहे थे. कार्यालय से दोनों की अनुपस्थिति में एसएसपी कार्यालय में अपनी मांगों से संबंधित आवेदन को दिया गया. उन्होंने बताया है कि डुमरिया थाना कांड संख्या 12/15 में फंसाये गये जिला पार्षद खालिक रजा खां उर्फ लड्डू खां, डुमरिया प्रखंड प्रमुख राजमोहन पासवान, डुमरिया के पनकरा पंचायत के मुखिया सबलू मियां उर्फ सबलू मुखिया, पैक्स अध्यक्ष विनोद यादव, पीपरा के कौशल सिंह, पीपरा फार्म के रामनंदन प्रजापति, कोल्हुवार के अजय प्रसाद व इबरार मियां, खजुरार के कमलेश प्रसाद, देवचंदडीह के बसंत महतो, हुरेमठ के सरेखा यादव व शंकर यादव, ठेकेदार अभिनव सिंह व अजय साव (बरहा), खरदाग के विजय यादव, गिरजा पासवान, विजुआ के मिथिलेश कोयरी, मैगरा के सुनील साव सहित कई समाजसेवी लोगों को इस मामले से मुक्त किया जाये.
जांच में साबित हुए थे निर्दोष : उपाध्यक्ष ने बताया है कि 17 जून, 2012 में डुमरिया थाने में सब इंस्पेक्टर शिवनाथ रजक द्वारा पुलिस पर माओवादी हमला करने की प्राथमिकी जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी थी. 20 जून, 2012 को सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार द्वारा बाराचट्टी थाने में 18 जनवरी, 2011 में सब इंस्पेक्टर शिवनाथ रजक द्वारा डुमरिया थाने में व 22 अगस्त, 2011 को सब इंस्पेक्टर शिवनाथ रजक द्वारा डुमरिया थाने में जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लेकिन, 28 अगस्त, 2012 को डीजीपी के आदेश पर पुलिस के वरीय अधिकारियों ने इन मामलों की जांच की और जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों को निदरेष पाया. वरीय अधिकारियों की पहल पर उन्हें न्याय मिला. इस बार फिर जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों को माओवादी मामले में घसीटा गया है. उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने का काम किया गया है. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और नामजद आरोपितों को न्याय दिलाया जाये. जिला पर्षद उपाध्यक्ष के साथ एसएसपी कार्यालय में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में जिला पार्षद रामचंद्र आजाद, जिला पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष रोशन मांझी, जिला पार्षद लड्डू खां के भाई, प्रमुख राजमोहन पासवान की पत्नी रंजू देवी, बबीता देवी, गिरजा पासवान, लखन यादव, प्रमोद यादव व नारायण यादव थे.