गया: 10 अप्रैल को टनकुप्पा ओपी में फतेहपुर की विद्युत आपूर्ति शाखा के कनीय अभियंता धनंजय कुमार द्वारा दर्ज करायी गयी लाखों रुपये के बिजली के सामान की चोरी का मामला गरमा गया है. इस मामले में वजीरगंज कैंप के डीएसपी मदन कुमार आनंद ने अपनी सुपरविजन रिपोर्ट अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अशोक कुमार सिंह को भेजी है. लेकिन, एएसपी ने सुपरविजन रिपोर्ट पर अपनी असहमति जताते हुए मामले की पुन: जांच करने का आदेश दिया है.
एएसपी ने मंगलवार को बताया कि अगर किसी कांड का सुपरविजन नकारात्मक दृष्टिकोण से किया जाये, तो उसका रिजल्ट निगेटिव ही आयेगा. कनीय अभियंता ने अपनी प्राथमिकी में बताया कि बिजली विभाग के कार्यालय से लाखों रुपये के सामान की चोरी दो वर्षो से की जाती रही है. अब सवाल है कि अगर दो वर्ष से चोरी हो रही थी तो इस मामले में दो वर्ष बाद प्राथमिकी क्यों दर्ज करायी गयी? उन्होंने बताया कि इस मामले में कई ऐसे बिंदु हैं, जिन पर कांड के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (आइओ) व डीएसपी को जांच करने की आवश्यकता थी.
लेकिन, दोनों पुलिस पदाधिकारियों ने उन बिंदुओं पर जांच नहीं की, और साधारण तरीके से डीएसपी ने इस मामले में अंतिम प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दे दिया. उन्होंने बताया कि डीएसपी की जांच रिपोर्ट से वह असहमत हैं. उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के सरकारी कार्यालय से लगातार दो वर्षो से करोड़ों रुपये की संपत्ति की चोरी की गयी. लेकिन, इसकी प्राथमिकी दो वर्ष के बाद करायी गयी. यही जांच का विषय है. एएसपी ने बताया कि यह कैसे संभव है कि किसी कार्यालय से चोरी होती रही और इस मामले पर दो वर्ष तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.