।। विभूति रंजन ।।
गया : ये पंक्तियां मलिक मुहम्मद जायसी की हैं. अपने काव्य ग्रंथ पद्मावत में इन पंक्तियों के माध्यम से सावन व भादो माह का वर्णन किया है. वह कहते हैं, इस मौसम में बरसात से आसमान व भूमि सब सुहाने हो जाते हैं. हालांकि, इस बार सावन की मनभावन रिमझिम फुहारों की कमी देखी जा रही है. लेकिन, इन सबके बीच लोग इसे मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे.
एक तरफ, शिवभक्तों का रेला विभिन्न शिव मंदिरों में पहुंच रहा है, तो देवघर के लिए रवाना होनेवाले कांवरियों की भी अच्छी–खासी तादाद है. सुहागिन महिलाओं के लिए भी यह महीना काफी कुछ लेकर आता है. इसी माह में हरियाली तीज है, तो बहनों के लिए रक्षाबंधन भी.
इन सबके लिए महिलाओं ने काफी कुछ तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. बाजार भी सज गये हैं, हरियाली के रंग में. हरे रंग की साड़ियां अपनी पूछ पर इतरा रही हैं, तो चूड़ियों की खनखनाहट भी तेज हो गयी है. राखियों व गिफ्ट का बाजार भी लुभा रहा है. महिलाओं व युवतियों में मेहंदी रचाने की भी होड़ लगी है. मेहंदी रचाओ प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं.
* तैयार है डाकघर भी
रक्षाबंधन को लेकर डाकघर भी तैयार हो गया है. डाकघर में राखियां पहुंचने लगी हैं. हालांकि, यहां रक्षाबंधन को लेकर कुछ नया ऑफर तो नहीं दिया गया है, पर राखी भेजने के लिए स्पेशल लिफाफा उपलब्ध कराया गया है. इसकी कीमत सात रुपये निर्धारित है. इसके माध्यम से देश भर में कहीं भी राखी भेजी जा सकती है. कुरियर कंपनियां भी रक्षाबंधन को लेकर संजीदा हैं.
* सावन की महत्ता
सावन का महीना हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है. मान्यताओं के अनुसार, यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. दूसरी तरफ, मुसलिम संप्रदाय के लोगों के लिए भी यह समय सबसे पाक माह–ए–रमजान भी लगभग इसी समय रहता है. तो, खेती के लिए भी यह मौसम अति महत्वपूर्ण है. इसी समय धान लगाने का समय होता है. बरसात का मौसम होने के कारण हर तरफ हरियाली ही हरियाली रहती है.