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‘एकता को तोड़नेवालों को सबक सिखायेंगे लोग’

गया. हिंदू-मुसलिम एकता को तोड़नेवाले को जनता सबक सिखायेगी. इसका ताजा उदाहरण दिल्ली में हाल में हुआ चुनाव है. यही कारण है कि बहुत कम दिनों में आम आदमी पार्टी फिर सत्ता में आ गयी. इस देश के लोग बरबादी को बरदाश्त करनेवाले नहीं है. ये बातें शहर के दुर्गाबाड़ी रोड स्थित मदरसा कासमिया-इसलामिया में […]

गया. हिंदू-मुसलिम एकता को तोड़नेवाले को जनता सबक सिखायेगी. इसका ताजा उदाहरण दिल्ली में हाल में हुआ चुनाव है. यही कारण है कि बहुत कम दिनों में आम आदमी पार्टी फिर सत्ता में आ गयी. इस देश के लोग बरबादी को बरदाश्त करनेवाले नहीं है.

ये बातें शहर के दुर्गाबाड़ी रोड स्थित मदरसा कासमिया-इसलामिया में बुधवार की शाम राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जमीअत-उलमा-हिंद, दिल्ली के कार्यकारिणी समिति के राष्ट्रीय सदस्य मौलाना असजद मदनी ने कहीं. राष्ट्रीय एकता व धार्मिक बराबरी इस देश की जड़ में है.

उन्होंने कहा कि जमीअत-उलमा-हिंद ने आजादी के समय सबसे पहले यह एलान किया था कि ‘कौम-ए वतन से बनती है, मजहब से नहीं.’ जमीअत-उलमा-हिंद हिंदुस्तान की आजादी में बंटवारा के पक्ष में नहीं थी. यह कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की देन है.

श्री मदनी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता को बरकरार रखने के लिए देश भर में मुहिम चला रही है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बयान दिया है, वह उसका स्वागत करते हैं. उनका यह बयान पहले ही आ जाना चाहिए था. उन्होंने जमीअत-उलमा-हिंद के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद मोइनुद्दीन कासमी को सलाह दी है कि बिहार में भी सम्मेलन कराया जाये. सम्मेलन की अध्यक्षता मौलाना कारी मोहम्मद मोइनुद्दीन कासमी ने की.

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