इनमें फल्गु फ्रंट कॉरिडोर, रोप-वे और बागेश्वरी रेलवे गुमटी पर प्रस्तावित ओवरब्रिज जैसी परियोजनाएं प्रमुख हैं. मुख्यमंत्री ने फल्गु में वर्षभर पानी रखने के लिए बीथो के पास एक बीयर बांध परियोजना की भी घोषणा की थी, जिसे लेकर लोगों को अब संशय की स्थिति दिख रही है. वैसे, सीएम के मुताबिक, इस पर नवंबर में ही काम शुरू होना था, जो फरवरी तक नहीं शुरू हो सका है.
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लटक सकती हैं गया-बोधगया की भी विकास परियोजनाएं!
गया/बोधगया: सूबे की सरकार के वर्तमान व भविष्य को लेकर पटना में मचे राजनीतिक घमसान के बीच मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के गांव महकार के अलावे गया-बोधगया के लोग भी कई घोषित परियोजनाओं को लेकर चिंतित हैं. इनमें फल्गु फ्रंट कॉरिडोर, रोप-वे और बागेश्वरी रेलवे गुमटी पर प्रस्तावित ओवरब्रिज जैसी परियोजनाएं प्रमुख हैं. मुख्यमंत्री ने फल्गु […]
गया/बोधगया: सूबे की सरकार के वर्तमान व भविष्य को लेकर पटना में मचे राजनीतिक घमसान के बीच मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के गांव महकार के अलावे गया-बोधगया के लोग भी कई घोषित परियोजनाओं को लेकर चिंतित हैं.
फल्गु फ्रंट कॉरिडोर परियोजना के लिए तो वैपकोस नामक संस्था ने सर्वेक्षण का भी काम किया है. जानकारी के मुताबिक, इसके लिए डीपीआर बनाने का काम चल रहा है. यह करीब 100 करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसके तहत कंडी से बोधगया तक फल्गु के दोनों तरफ पाथ-वे बनाने की बात है. उधर, बागेश्वरी में रेलवे ओवरब्रिज के लिए भी सीएम ने कहा था कि रेलवे को पूरा सहयोग दिया जायेगा. यह परियोजना भी गया और पटना के बीच आने-जानेवाले वाहनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मानपुर के वस्त्र उद्योग के हित पर भी सीएम की नजर थी. ढूंगेश्वरी, रामशिला, प्रेतशिला व ब्रrायोनि पर्वत पर रोप-वे के लिए भी सीएम ने घोषणा की थी. पर, सीएम श्री मांझी के पद पर बने रहने को लेकर अटकलों का जो दौर चल रहा है, उसमें ऊपरोक्त परियोजनाओं में अपना हित देखनेवाले गयावासी खासे चिंतित हैं.
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